रात्रि 10 बजे सभी गेटों का ताला लगा देने के कारण एकत्रित हो जाती है भीड़, होली पर एडीएम और प्रशासक ने संभाली थी व्यवस्था
उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में आगामी रंगपंचमी को रंग खेलने के बाद रात्रि में श्रद्धालुओं की भीड़ भगवान महाकाल की शयन आरती में उमड़ेगी। भीड़ को नियंत्रित करना मंदिर प्रबंध समिति के सामने एक चुनौती होगी। समय पूर्व मंदिर के सभी गेटों पर ताला लगा देने के कारण ऐसी स्थिति बनती है। विगत होली (धुलेंडी) को ही जिला प्रशासन को नंदीहाल की भीड़ को संभालना मुश्किल हो गया था। एडीएम और मंदिर प्रशासक ने व्यवस्था को किसी तरह से संभाला था।
इस बार रंगपंचमी पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु रंगों से होली खेलने के बाद मंदिर में भगवान महाकाल के दर्शन के लिये पहुंचेंगे। प्रतिवर्ष ऐसी ही स्थिति होती है। इस बार की होली में भी ऐसा ही हुआ। शयन आरती रात्रि 10.30 बजे प्रारंभ होने से पूर्व मंदिर के सभी गेटों के ताले आधा घंटा पूर्व 10 बजे बंद कर दिये गये थे। ऐसे में अंदर की भीड़ अंदर और बाहर की भीड़ बाहर की रह गई।
मंदिर के गणपति मंडपम, कार्तिकेय मंडपम और नंदीहाल में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल की शयन आरती को देखने जुट गए थे। भीड़ का दबाव इतना अधिक हो गया था कि तात्कालिन एडीएम संतोष टैगोर और मंदिर प्रशासक संदीप सोनी को वहां की व्यवस्थाएं संभालना पड़ी थीं।
नदारद रहे व्यवस्थाएं संभालने वाले
नंदीहाल में जिस दौरान एडीएम और प्रशासक भीड़ से जूझ रहे थे। इस दौरान वहां पर व्यवस्थाएं बनाने के लिये कोई भी मौजूद नहीं था। यहां पर व्यवस्थाएं संभालने के लिये सुरक्षाकर्मी और पुलिसकर्मी मौजूद रहते हैं। लेकिन इस दिन कोई भी वहां पर मौजूद नहीं होने से स्थिति खराब हो गई थी। हालांकि किसी तरह से शयन आरती निपटी और प्रशासनिक अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
10.30 बजे तक टिकट से हो प्रवेश
रात्रि 10 बजे ही मंदिर के सभी गेटों पर ताला लगा दिये जाने के कारण मंदिर के अंदर एकत्रित भीड़ बाहर नहीं निकल पाई थी। इनको निकालने की व्यवस्थाएं भी फेल हो गई थीं। ऐसे में मंदिर के अंदर की भीड़ को बाहर नहीं निकाला जा सका और अंदर भीड़ का दबाव बढ़ गया था। यह भीड़ दर्शन कर चुकी थी। लिहाजा इस भीड़ को 10 की जगह रात्रि 10.30 बजे तक निकाल कर टिकट लेकर प्रवेश करने वालों को प्रवेश दिया जाना चाहिये था। लेकिन समय कम कर दिये जाने के कारण अंदर की भीड़ को बाहर नहीं निकाला जा सका था।
इधर रिलीवर नहीं होने के कारण परेशानी
महाकालेश्वर मंदिर में रिलीवर की कमी के कारण व्यवस्थाएं छिन्न भिन्न हो रही हैं। सेकंड शिफ्ट में कार्यरत कर्मचारियों का वीकली ऑफ होने के कारण इनकी जगह रिलीवर तैनात किया जाना चाहिये। लेकिन ऐसा नहीं हो पा रहा है। आयेदिन महानिर्वाणी अखाड़े के पास स्थित सोला बदलने के वीआईपी कंटेनर में तैनात कर्मचारी की ड्यूटी 4 नंबर गेट या अन्यत्र लगा दिये जाने के कारण यहां दर्शन को आने वाले वीवीआईपी को सोला भी प्रोटोकाल कर्मचारियों को अक्सर पहनाना पड़ता है। स्थापना शाखा द्वारा रिलीवर की सही तरह से ड्यूटी नहीं लगाने का खामियाजा दूसरे कर्मचारियों को भुगतना पड़ता है।