पहली बार कर्मचारियों की अनदेखी, कर्मचारियों में हीनभावना का संचार
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व सकुशलता से निपटने पर मंदिर प्रबंध समिति ने अपनी ओर से हर वर्ष की तरह इस बार भी पुजारी पुरोहितों का भोज आयोजित किया था। लेकिन इस भोज की खास बात यह रही कि इसमें हर बार की तरह इस बार कर्मचारियों को आमंत्रित नहीं किया गया। ज्ञात रहे कि महापर्व सकुशलता से निपटने पर मंदिर प्रबंध समिति अपनी ओर से पुजारी पुरोहितों और मंदिर के कर्मचारियों का आभार प्रकट करने के लिये अपनी ओर से भोज देती है।
इस बार महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व पर लगभग 8 लाख श्रद्धालुओं का आगमन हुआ था। मंदिर के पुजारी पुरोहितों सहित इस पर्व को निपटाने में कर्मचारियों की अहम भूमिका रही थी। इसी का आभार प्रकट करने के लिये प्रतिवर्ष की ही तरह इस बार भी पुजारी पुरोहितों के लिये दोपहर की भस्मारती के बाद भोज का आयोजन किया गया था। इसमें मंदिर समिति की ओर से पुजारी पुरोहितों को दक्षिणा प्रदान कर सम्मान भी किया गया। लेकिन इसमें एक चूक हो गई, मंदिर के कर्मचारियों को इसमें आमंत्रित नहीं किया गया।
इस व्यवस्था को देखने वाले अधिकारियों ने इस ओर देखना उचित नहीं समझा। कोई नया अधिकारी होता तो समझा जा सकता था। लेकिन पुराने अधिकारियों ने ही इसकी मेजबानी की थी। ऐसे में कर्मचारियों को तो आमंत्रित किया जाना था। इसको लेकर कर्मचारी दबी जुबान से इस बात की चर्चा कर रहे हैं। उनका कहना है कि महापर्व को निपटाने में उनकी भी बड़ी भूमिका रही है। ऐसे में उनकी अनदेखी हर वर्ष इसी टें्रड को शुरु कर सकती है।
छोटे अधिकारी अपमान कर शान बघार रहे
महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी को आये ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। उनको इस टें्रड की जानकारी नहीं है। लिहाजा दूसरे छोटे अधिकारियों को तो इस बात की जानकारी थी कि मंदिर के कर्मचारियों को इस भोज में बुलाया जाना चाहिये। लेकिन ऐसा किया नहीं गया। उन्होंने अपने वरिष्ठ अधिकारी को दिखाने के लिये कर्मचारियों का पत्ता ही साफ कर दिया। जबकि उनके द्वारा शान से पुजारी पुरोहितों को दक्षिणा बांटते हुए फोटो भी खिंचवाये गये।