कोरोना महामारी के साथ ही एक और जानलेवा बीमारी बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। हालांकि इस बीमारी से अभी तक सिर्फ पक्षियों की जान पर ही बनी है, इंसानों से यह बीमारी दूर है। लेकिन एक्सपर्ट की चेतावनी है कि बीमारीग्रस्त पक्षी (मुर्गा-मुर्गी या अन्य) का मांस का सेवन करने से इंसानों में भी यह फ्लूू फैल सकता है।
इस चेतावनी के बाद मध्यप्रदेश के नौ जिलों में शासन ने एलर्ट जारी कर दिया है। जिसमें उज्जैन जिला भी शामिल है। इंदौर में नौ दिनों तक चिकन के उपयोग व बिक्री को प्रतिबंधित कर दिया है। शहर में शुक्रवार को चिकन की दुकानों को बंद कराने की कार्रवाई नगर निगम ने की थी। सिर्फ फाजलपुरा क्षेत्र की चिकन दुकानों को स्वास्थ्य विभाग अमले ने बंद करवाया, शहर के अन्य क्षेत्र की दुकानें चालू थी। शनिवार को ऐसी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि बर्ड फ्लू बीमारी है या नहीं। अगर है और प्रदेश सरकार एलर्ट जारी कर रही है तो फिर स्थानीय प्रशासन गंभीर क्यों नहीं है। कार्रवाई की सिर्फ खानापूर्ति क्यों की जा रही है। और अगर बर्ड फ्लू का प्रकोप नहीं है तो फिर स्थानीय पशुपालन विभाग स्थिति स्पष्ट क्यों नहीं कर रहा है। पोल्ट्री फॉर्म व्यवसायी और ग्राहक असमंजस की स्थिति में हैं।