सेंड ब्लास्टिंग: महाकाल मंदिर का कोटितीर्थ कुंड पुरातन स्वरूप में निखरेगा

काले पत्थर फिर से दिखाई देंगे, स्मार्ट सिटी के हाथ में प्रोजेक्ट

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग को निखारने का काम अभी भी जारी है। मंदिर के कोटितीर्थ कुंड को पौराणिक स्वरूप में लाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके काले पत्थर निकाल कर इसको पौराणिक स्वरूप में लाने के लिये सेंड ब्लास्टिंग की जा रही है। इस काम को एक महीने से अधिक समय हो गया है।

महाकालेश्वर मंदिर का कोटितीर्थ कुंड का भी विशेष महत्व है। इस कुंड के जल से भगवान महाकाल का अभिषेक किया जाता है। महाकाल लोक के शुभारंभ होने से पहले मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भोपाल में अधिकारियों की बैठक लेकर कोटितीर्थ कुंड को विशेष तौर पर निखारने के निर्देश प्रदान किये थे।

इसी का नतीजा है कि इसको निखारने के काम को स्मार्ट सिटी द्वारा अपने हाथों में लेते हुए फरवरी माह से इसको निखारने के काम को शुरु करवा दिया था। जानकारी में आया है कि इसके उपर लगा हुआ चूना या डिस्टेंपर को निकाल कर काले पत्थर के पौराणिक स्वरूप में लाने का प्रयास किया जा रहा है।

पौराणिक स्वरूप में लाने का प्रयास बंद

पूर्व में पूरे मंदिर को काले पत्थरों के पौराणिक स्वरूप में लाने का प्रयास किया जा रहा था। इसके लिये बकायदा काले पत्थरों को चमकाने के लिये कई कंपनियों को भी डिमांस्ट्रेशन देने के लिये आमंत्रित किया गया था। कोटितीर्थ कुंड के उपर स्थित मंदिर की दीवारों पर कंपनियों ने डिमांस्ट्रेशन भी दिखाया था। लेकिन संभवत: इससे होने वाले नुकसान और एएसआई और जीएसआई की गाइड लाईंस का पालन करते हुए इसको आगे नहीं बढ़ाया गया। अन्यथा मंदिर का शिखर और गर्भगृह काले पत्थर में नजर आते। ज्ञात रहे कि मंदिर के गर्भगृह के फर्श के उपर मार्बल लगा दिया गया है। मार्बल लगाने के दौरान अंदर के काले पत्थर निखर कर बाहर आ गये थे। जोकि देखने में काफी चिकने और खूबसूरत थे।

सेंड ब्लास्टिंग से निकाल रहे पेंट चूना

जानकारी में आया है कि स्मार्ट सिटी ने जिस ठेकेदार को कोटितीर्थ कुंड का पेंट और चूना निकालने का काम सौपा है। इसके द्वारा पत्थरों की घिसाई न करते हुए सेंड ब्लास्टिंग तरीका पेंट और चूना निकालने के लिये किया जा रहा है। इसमें एक मशीन से वेग से फायरिंग की जाती है। जिसके चलते पत्थरों को नुकसान हुए बगैर लगा हुआ पेंट या चूना निकल जाता है।

कोटितीर्थ कुंड का काम स्मार्ट सिटी के हाथ में है। इसको पुरातन स्वरूप में निखारा जा रहा है।

-संदीप सोनी, प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति

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