दर्शनार्थियों की भारी भीड़ सुबह 10 बजे के बाद भी डटी रही कतार में
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में दो दिन से 750 गर्भगृह दर्शन टिकट का सर्वर डाऊन होने के कारण दर्शनार्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। भगवान महाकाल के नजदीक से दर्शन को उत्सुक दर्शनार्थियों ने टिकट नहीं मिलने पर जोरदार हंगामा भी मचाया। कई दर्शनार्थी तो टिकट नहीं मिलने से इतने निराशा हुए की रोने लगे।
महाकालेश्वर मंदिर में सुबह 6 बजे से लेकर 11 बजे तक 750 रु. गर्भगृह दर्शन टिकट से भगवान महाकाल के गर्भगृह से दर्शनार्थियों को दर्शन की सुविधा मंदिर प्रबंध समिति ने दे रखी है। लेकिन विगत दो दिन से सरकारी कंपनी का सर्वर डाऊन होने के कारण प्रोटोकाल सहित तीन अन्य विंडो से प्रदाय की जाने वाली टिकट विक्रय में परेशानी आ रही है। बीच बीच में आरती का समय होने के कारण भी दर्शनार्थियों को टिकट वितरण बंद किया जा रहा था।
ऐसे में दर्शनार्थियों के संयम का बांध टूट गया और इनमें से कई हंगामा करने लगे। अपने को पत्रकार जमात का बताने वाली एक मैडम तो बेचारे सुरक्षा गार्ड का ही वीडियो बनाने लगी। कुछ दर्शनार्थी जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं। टिकट बंद का सुनकर रोने लगीं।
800 से हजार टिकट प्रतिदिन
प्रोटोकाल कार्यालय की तीन विंडो और प्रोटोकॉल से प्रतिदिन 800 से एक हजार टिकट काटी जाती है। इसमें आपरेटर के रूप में केएसएस कंपनी के आपरेटर लगाये गये हैं। वहीं तीन विंडो का पैसा कलेक्शन करने के लिये मंदिर के तीन से चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है। प्रतिदिन सुबह से लेकर दोपहर 11 बजे तक यहां से टिकट काटी जाती हैं। इसमें दर्शनार्थियों का फेस स्कैन किया जाता है। आधार कार्ड से नाम नंबर आदि डालकर दर्शनार्थियों को रवाना किया जाता है। इसमें समय तो लगता है, लेकिन पारदर्शिता बनी रहती है।
सरकारी के साथ निजी कंपनी का भी हो सर्वर
नेटवर्किंग की इस दुनिया के सब्सक्राइबर बड़ी संख्या में हैं। ऐसे कम ही लोग होंगे जिनके पास नेटवर्किंग वाला मोबाइल या कम्प्यूटर नहीं हों। ऐसे में अक्सर सरकारी या निजी कंपनी का सर्वर डाऊन हो जाता है। यह सिलसिला कभी कभी लंबा भी चलता है। ऐसे में टिकट विंडो कर्मचारियों को दर्शनार्थियों के कोप का भाजन भी बनना पड़ता है। सारी मगजमारी विंडो पर बैठे कर्मचारियों को ही करना पड़ती है। ज्ञात रहे कि आफलाइन टिकट विक्रय पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।