उज्जैन,अग्निपथ। शादी का झांसा देकर एक युवक छात्रा को बरगलाकर ले गया और दुष्कर्म कर डाला था। वारदात में उसकी मां ने भी मदद की थी। करीब दो साल पहले भैरवगढ़ थाना क्षेत्र में हुई घटना में सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। मामले में न्यायालय ने युवक को २० साल व महिला को ३ साल की सजा सुनाई है।
मौजमखेड़ी निवासी १२ वीं की छात्रा १० फरवरी २०२१ की रात घर से लापता हो गई थी। काफी तलाश के बाद किशोरी का पता नहीं चलने पर उसके पिता ने अज्ञात लोगों पर अपहरण का शक जताते हुए भैरवगढ़ थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने खोजबीन की तो मालूम पड़ा किशोरी को बडनगर रोड, मुल्लपुरा निवासी युवराज उर्फ अनिल पिता बद्रीलाल (23) शादी का झांसा देकर ले गया है।
किशोरी का अपहरण करने में युवराज की मां तेजूबाई (45) भी शामिल है। पुलिस ने दोनों को पकडक़र किशोरी का बरामद किया। पीडिता ने बताया कि अनिल ने उसके साथ दुष्कर्म भी किया है। प्रकरण में अब तक की सुनवाई के बाद षष्ठम अपर सत्र न्यायाधीश कीर्ति कश्यप ने सोमवार को फैसला सुनाया। उन्होंने दोषी सिद्ध होने पर युवराज को 20 साल कैद व कुल 6500 रूपये से अर्थदंड और तेजूबाई को 3 साल की सजा व एक हजार रुपए अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक सूरज सिंह बछेरिया ने पैरवी की। जानकारी उपसंचालक अभियोजन डॉ. साकेत व्यास ने दी।
मामूली बात पर युवक को लाठी से पीटकर मार डाला था, हत्यारे को उम्रकैद
उज्जैन, अग्निपथ। घर के सामने से निकलने की बात पर ग्रामिण ने गांव के ही एक युवक की लाठी से पीट पीटक हत्या कर दी थी। १० माह पहले पानबिहार में हुई इस सनसनीखेज वारदात में सोमवार को कोर्ट ने फैसला सुनाया। मामले में न्यायालय ने दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पानबिहार के समीप स्थित मोतीपूरा निवासी भगवानसिंह २७ मई २०२२ की दोपहर फ्रेश होने के बाद जंगल से लौट रहा था।
इसी बात पर गांव के ही गोकुल पिता मानाजी ने उसे पकड़ा और घर के सामने से निकलने की बात पर मारपीट करने लगा। बचाव करने पर उसने भगवान के सिर पर लाठी से हमला कर दिया। भगवान की भाभी सपनाबाई ने घटना देखी और भगवान को खून से लथपथ देख शोर मचाया,जिसे सुनकर उसकी सास व मामा ससुर मौके पर आए और भगवान को अस्पताल ले गए, जहां डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
मामले में घट्टिया पुलिस ने सपना की रिपोर्ट पर केस दर्ज कर गोकुल को पकड़ा। प्रकरण में अब तक की सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश संतोष प्रसाद शुक्ला ने सोमवार को फैसला सुनाया। उन्होंने दोषी सिद्ध होने पर गोकुल को उम्रकैद व १० हजार रुपए अर्थदंड दिया। प्रकरण में शासन की ओर से सहायक लोक अभियोजक मुकेश कुमार कुन्हारे ने पैरवी की।