उज्जैन, अग्निपथ। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही अब कांग्रेस ने फिर से मैदानी कसरत शुरू कर दी है। मंगलवार को एक ही दिन में शहर में कांग्रेस के चार आंदोलन हुए। चारों ही आंदोलन के जरिए ही कांग्रेस नेताओं ने शहर और जिले की विभिन्न समस्याओं की तरफ अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया।
कार्यालय के बाहर की नारेबाजी
युवक कांग्रेस उज्जैन उत्तर के अध्यक्ष दीपेश जैन की अगुवाई में युवक कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार दोपहर में महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति कार्यालय के बाहर नारेबाजी करते हुए धरना दिया। युकां कार्यकर्ता अपने हाथों में तख्तियां लेकर यहां पहुंचे थे। इस बीच भाजपा प्रदेश सरकार और उच्चशिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव के खिलाफ भी नारे लगाए गए। युकांईयों ने मंदिर समिति प्रशासक संदीप सोनी को एक ज्ञापन सौंपा है। इस ज्ञापन के जरिए उज्जैन के स्थानीय रहवासियों को आधार कार्ड देखकर पृथक द्वार से महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश देने, मंदिर में लागू विभिन्न तरह के शुल्क समाप्त करने की मांग की गई है।
अधीक्षण यंत्री कार्यालय का घेराव
बिजली बिलों से संबंधित मुद्दो पर मंगलवार को ही शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया और नूरी खान के नेतृत्व में बिजली वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री कार्यालय का घेराव किया गया। निचली बस्तियों में रहने वाले कई सारे परिवारों की महिलाओं के साथ नूरी खान अधीक्षण यंत्री कार्यालय पहुंची थी। उन्होंने आरोप लगाया कि बिजली वितरण कंपनी कई सारे परिवारों को एवरेज बिल दे रही है जो कि नियम विरूद्ध है। शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया ने बताया कि दो-दो कमरों में रहने वाले परिवारों को बिजली कंपनी ने दो-दो हजार रूपए के बिल थमा दिए है। कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल से बातचीत के बाद बिजली वितरण कंपनी के अधीक्षण यंत्री बी.एल. चौहान ने बताया कि शहर में केवल एक या दो प्रतिशत ही कनेक्शन ऐसे है जहां एवरेज बिल पहुंच रहे है। अधिनस्थों को निर्देशित किया गया है कि सभी जगहों पर रीडिंग के ही बिल पहुंचाए जाए।
आशा कार्यकर्ताओं के साथ कोठी पर धरना
विगत दिनों से आशा-उषा कार्यकर्ता राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है। इस आंदोलन के दौरान ही मंगलवार को आशा व उषा कार्यकर्ताओं ने कोठी स्थित प्रशासनिक भवन तक रैली निकाली। इस रैली में कांग्रेस नेता भी शामिल हुए। प्रशासनिक कार्यालय के बाहर शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, विक्की यादव व अन्य ने आशा व उषा कार्यकर्ताओं के साथ धरना दिया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया। इस ज्ञापन के माध्यम से आशा कार्यकर्ताओं को न्यूनतम 10 हजार रूपए वेतन दिए जाने और उन्हें शासकीयकर्मी घोषित किए जाने की मांग रखी गई।
वशिष्ठ ने की किसानों की अगुवाई
गेहूं के समर्थन मूल्य का उपार्जन तत्काल प्रारंभ करने की मांग को लेकर कांग्रेस नेता राजेन्द्र वशिष्ठ के नेतृत्व में किसानों ने कलेक्टर के नाम मंगलवार को ज्ञापन सौंपा गया। कांग्रेस नेता राजेन्द्र वशिष्ठ ने कहा कि 20 मार्च को मंडी में समर्थन मूल्य से नीचे किसानों का गेहूं व्यापारी खरीद रहे थे, व्यापारियों ने 1600 से 1700 रूपये प्रति क्विंटल की दर से किसानों का गेहूं खरीदा, जबकि 2125 रूपये सरकार ने समर्थन मूल्य रखा है जिसके कारण किसानों में आक्रोश है। जब समर्थन मूल्य तय कर दिया है तो खरीदी केंद्र भी तय कर दे, खरीदी चालू कर दें। वशिष्ठ ने कहा कि एक तरफ सरकार ने समर्थन मूल्य तय कर दिया है लेकिन एक महीने तक गेहूं खरीदेगी नहीं तो एक महीने तक किसान अपना माल कहा बेचेगा, कहां रखेगा। किसान बिजली का भुगतान नहीं कर रहे तो ट्रेक्टर, मोटर सायकल लेकर जा रहे हैं, किसान कर्ज में डूबा है, यदि कर्ज समय पर नहीं चुका पाया तो शिवराज सरकार उन्हें डिफाल्टर घोषित कर देगी।