जेल अधीक्षक की धमकी पर किया गबन, 20 फीसदी मिलता था हिस्सा

डीपीएफ कांड में मुख्य आरोपी रिपुदमन ने किया खुलासा

कोर्ट में रोते हुए बोली मुझे फंसाया गया, दोनों रिमांड पर आज होंगेे निलंबित

उज्जैन, (ललित जैन) अग्निपथ। कर्मचारियों के भविष्य निधि मेें घोटाला पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज की धमकी के कारण करना पड़ा। गबन की राशि में 80 फीसदी उन्हें नकद देना पड़ती थी। यह खुलासा किया है डीपीएफ घोटाला के मुख्य आरोपी रिपूदमन ने। पुलिस ने शनिवार को दोनों को कोर्ट से रिमांड पर ले लिया। इस दौरान उषा राज ने मजिस्ट्रेट के सामने रोते हुए खुद को बेगुनाह बताया। वहीं रविवार को जेल विभाग ने दोनों को निलंबित कर देगा।

जेल में ६८ कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से हुए करीब १३.५० करोड़ के घोटाले में मुख्य आरोपी रिपुदमन के पकड़ाते ही पुलिस ने देर रात पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज को भी गिरफ्तार कर लिया। रिपुदमन ने कबूला कि गबन मेडम के कहने पर किया है। बात नहीं मानने पर उन्हें नापसंद जगह पर ड्यूटी लगाने की धमकी देकर प्रताडि़त करती थी। कर्मचारियों के खातों में हेरफेर कर राशि जमा राशि को बढ़ाकर उसके, प्रहरी शैलेंद्र सिंह सिकरवार व धर्मेंद्र लोधी के खाते में ट्रांसफर करवाते थे।

फिर 10  से 10 फीसदी याने 10  लाख पर 1 से 2 लाख रुपए खुद रख शेष रुपए नकद मेडम को देते थे। दोपहर में पुलिस ने रिपुदमन व उषाराज को मजिस्ट्रेट विनायक गुप्ता के समक्ष पेश किया। कोर्ट में उषा राज ने रोते हुए कहा वह बेगुनाह है उसे साजिश रचकर फंसाया है। बावजूद कोर्ट ने दोनों का सोमवार तक पुलिस रिमांड दे दिया।

मेडम नागझिरी, रिपुदमन नरवर थाने में

गबनकांड में 11 मार्च को केस दर्ज होते ही जेल का मुख्य अकाउंट प्रभारी रिपुदमन फरार हो गया था। परिवार को इंदौर छोड़ वह बनारस स्थित गांव चला गया। करीब छह दिन पहले मिर्जापुर में रिश्तेदार के यहां जाकर छिप गया। पुलिस ने मोबाइल से ट्रेक कर उसे शुक्रवार दोपहर पकड़ा और रात को नरवर थाने ले जाकर बंद कर दिया। इधर पूछताछ के बाद दूसरे दिन थाने में पेश होने की चेतावनी पर १८ मार्च की रात उषा राज अटैक आना बताकर इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती हो गई थी। पुलिस ने उनके खिलाफ प्रमाण मिलने पर रात को इंदौर से नागझिरी थाने ले आए।

अब यह निशाने पर

गबन मामले में सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरीश गेहलोद रिमांड पर है। रिपुदमन व उषा राज के बाद पुलिस को प्रहरी धर्मेंद्र व 5 हजार के ईनामी शैलेंद्र के पकड़े जाने का इंतजार है, जिससे रिपुदमन के बयानों की पुष्टि हो सके। मामले में पुलिस सटोरिये सुशील परमार,पिंटू तोमर,अमित मीणा सहित की तलाशने के साथ ही संदेह के घेरे में आए लोगों की भी जांच कर रही है।

खुलासा और अब तक की जांच

जेल में हुए घोटाले का कलेक्टर कुमार पुरषोत्तम से पता चलते मिलते ही ट्रेजरी मुख्यालय और जेल विभाग ने जांच शुरू की। तत्पश्चात जेल डीजी अरविंद कुमार ने अधीक्षक उषाराज को मुख्यालय अटैच कर दिया। भैरवगढ़ थाने में केस दर्ज होने पर रिपुदमन फरार हो गया था। बाद में प्रहरी शैलेंद्र व धर्मेद्र भी भाग गए थे। एसएसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ल ने रिपुदमन व शैलेंद्र पर ५-५ हजार का ईनाम घोषित किया था। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने विधानसभा में मुद्दा उठाकर गृहमंत्री को ज्ञापन सौंपा तो विधायक पारस जैन व उच्च शिक्षा मंडी डॉ. मोहन यादव भी कर्मचारियों के पक्ष में खड़े नजर आए।

गबन कांड की जांच में ६७ कर्मचारी जिनमें तीन की मौत हो चुकी है, के खाते में गड़बड़ी सामने आई। कर्मचारियों के जीपीएफ, सैलेरी, एमपीटीसी व एडवांस जीपीएफ खाते से १२२ बार में १३.५४ करोड़ रुपए निकाले गए है। गबन के मुख्य आरोपी से पूछताछ और जांच में भूमिका सामने आने पर पूर्व जेल अधीक्षक को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है।

– सत्येंद्र कुमार शुक्ल, एसएसपी

पूर्व जेल अधीक्षक और प्रहरी की गिरफ्तारी व रिमांड पर लेने की अधिकृत सूचना नहीं मिली है। दोनों को ४८ घंटे तक पुलिस गिरफ्त में रहने पर नियमानुसार निलंबित किया जाएगा।

– अरविंद कुमार, डीजी जेल

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