रिपुदमन को ले जाकर ऑफिस में की खोजबीन, फिर मांगेगे रिमांड
उज्जैन, अग्निपथ। जेल में हुए डीपीएफ घोटाले में रिमांड पर चल रही पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज को रविवार शाम पुलिस उनके बंगले पर ले गई तो वह सिर पकडक़र जमीन पर बैठ गई। इस दौरान पुलिस को यहां से गबन से संबंधित दस्तावेज मिले। वहीं आरोपी रिपुदमन को ले जाकर भी पुलिस ने उसके घर व ऑफिस में छानबीन की है।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में ६८ कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते से १३.५० करोड़ के घोटाला करने के आरोप में पूर्व जेल अधीक्षक उषा राज व रिपुदमन को शनिवार से दो दिन के रिमांड पर है। मामले में सबूत जुटाने के लिए पुलिस देर रात रिपुदमन को उसके घर ले गई और तलाशी ली। रविवार सुबह फिर ले जाकर लेखा-जोखा विभाग में भी खोजबीन की।
शाम को टीआई प्रवीण पाठक, एसआई चांदनी गौड़ टीम के साथ उषा राज को उसके बंगले ले गई। यहां जाते ही उषाराज सिर पकडक़र जमीन पर बैठ गई। बावजूद पुलिस ने कोई नरमी न दिखाते हुए जेलकर्मियों को बुलाकर उनके दो कमरों में लगे ताले तोडक़र खोजबीन की। टीआई पाठक ने बताया कि तलाशी में घोटाले से संबंधित दस्तावेजों के साथ अन्य कागजात मिले। दोनों आरोपियों का सोमवार को फिर रिमांड मांगेगे। इधर विभाग भी सोमवार को दोनों को सस्पेंड कर देगा।
सटोरियों से करवाया नकद
पुलिस रिकार्डनुसार रिपुदमन को शुक्रवार को मिर्जापुर से पकडऩे के बाद इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती उषाराज को लाकर गिरफ्तार किया था। शनिवार को कोर्ट ने दोनों को दो दिन के रिमांड पर सौंपा था। रिपुदमन ने उषाराज के सामने कबूला कि घोटाला मेडम के दबाव में किया। उसे सिर्फ १० फीसदी मिलते थे। मेडम अपने विश्वसनीय के जरिए राशि सटोरियों के खाते में डलवाकर उन्हें१० फीसदी कमीशन देकर नकद राशि लेती थी। उसने भी करीब पांच करोड़ रुपए नकद दिए हैं।
रिकवरी के लिए संपत्ति की जांच
मामले में पुलिस के लिए सबसे अहम गबन की गई राशि को रिकवरी करना है। इसलिए पुलिस आरोपियों की चल-अचल संपत्ति का पता लगा रही है। रिपुदमन ने कबूला कि उसने प्लाट, मकान व ज्वेलरी खरीदी है। उषा राज के भी मकान,प्लाट का पुलिस को पता चला है। पुलिस उन्हें राजसात करने की कार्रवाई करेगी।
चोर पर मोर
यह कहावत उषा राज पर पूरी तरह फिट बैठती है। दरअसल उषा राज हर सप्ताह पटनी बाजार के ज्वेलर विक्रेता आनंद के पास गबन और भ्रष्टाचार कर कमाए रुपए जमा कराती थी। उसने तीन करोड़ से ज्यादा रुपए आनंद के पास रखे थे और लाखों के जेवर भी खरीदे। आनंद ने उषाराज की अज्ञानता का फायदा उठाकर उसे पहले नकली जेवर थमा दिए। बाद में बेटा रुपए लेकर रफूचक्कर भागना बताकर रुपए लौटाने मे असमर्थता जता दी। इस जानकारी के बाद पुलिस ने आनंद से पूछताछ की है। अब पुख्ता सबूत मिलने पर उसकी भी गिरफ्तारी तय मानी जा रही है।
इनकी भी जल्द गिरफ्तारी
मामले में रिमांड पर चल रहे सटोरिए रोहित चौरसिया, रिंकू मांदरे व हरीश गेहलोद को भी पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। वहीं प्रहरी धर्मेंद्र व ५ हजार के ईनामी शैलेंद्र के साथ ही सटोरिये सुशील परमार, पिंटू तोमर, अमित मीणा सहित की तलाश के साथ ही संदेह के घेरे में आए लोगों की भी जांच कर रही है। माना जा रहा है केस में १५आरोपी बन सकते है।