कोर्ट में बोला उषाराज देती थी 60 हजार रुपए महीना, मुंबई में मिली रिपुदमन की कार, देवास से पकड़ाया एक और सटोरिया
उज्जैन,अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ का डीपीएफ घोटाला उजागर होने के बाद आरोपियों के संबंध में प्रतिदिन सनसनीखेज जानकारी सामने आ रही है। अब पता चला कि कुछ समय पहले आला अफसरों ने जगदीश परमार को पिस्टल का लाईसेंस देने के लिए गृह मंत्रालय से अनुशंसा की थी। उसका रिजल्ट तो फिलहाल पता नहीं चला,लेकिन मामले में पकड़ाए जगदीश को पुलिस ने बुधवार को दो दिन के रिमांड पर ले लिया। वहीं मु य आरोपी रिपूदमन की कार मुंबई रेलवे स्टेशन से बरामद कर उसके एक ओर सटोरिए साथी को भी देवास से दबोच लिया है।
जेल में ६८ कर्मचारियों के भविष्य निधी के 13,45 करोड़ के घोटाले में नाम आने के बाद पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज का खास जगदीश मंगलवार को नाटकीय तरीके से पकड़ा गया था। उसने पुलिस के सामने कबूला कि रिपुदमन देवास के धर्मेंद्र उर्फ रामजाने के पास प्रतिदिन लाखों रुपए का सट्टा लगाता था। रामजाने उसके खाते में ३ हजार रुपए मासिक बंदी के रूप में ट्रांसफर करता था। जानकारी के बाद पुलिस ने रात को रामजाने को दबोच लिया।
वहीं बुधवार दोपहर जगदीश को जेएमफसी विनायक गुप्ता के समक्ष पेश किया। यहां जगदीश ने अपील की कि वह सरकारी गवाह बनकर सब बताने को तैयार है। उसने कहा कि उषाराज उसे 60 हजार रुपए महीना देती थी। हालांकि कोर्ट ने फिलहाल जगदीश की बात को तव्वजों नहीं देते हुए उसे 31 मार्च तक रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया। याद रहे जगदीश ने उषाराज द्वारा उसके नाम से 45 लाख की कार बुक करने और उसके सामने गबन की राशि लेन-देन का भी दावा किया है।
इधर रिपुदमन को लेकर महाराष्ट्र गई पुलिस को उसकी बिना नंबर की टियागो कार वहां मुंबई रेलवे स्टेशन के पास सडक़ पर खड़ी मिल गई। पुलिस कार लेकर वापस रवाना हो गई।
जगदीश के खिलाफ एक और शिकायत
जगदीश ने गिरफ्तारी से पहले मीडिया को बताया था कि घोटाले की राशि किन लोगों के पास है। उसने पटनी बाजार निवासी आनंद जडिय़ा के पास भी गबन के 4.89 करोड़ रुपए होने का दावा किया था। नतीजतन बुधवार को जडिय़ा अपने अकाउंट और उषाराज को बेची ज्वेलरी के बिल लेकर नवागत एसपी सचिन शर्मा के पास पहुंचे। उन्होंने अपना पक्ष रखकर आरोप लगाया कि जगदीश ने उन पर झूठे आरोप लगाए है। उन्होंने जगदीश को मानहानि का नोटिस देने का भी कहा है।
इनामी का सुराग नहीं
गबन कांड में काफी प्रयास के बाद भी पांच हजार के ईनामी प्रहरी शैलेंद्र सिकरवार,धर्मेद्र लौधी,सटोरिए सुशील परमार,पिंटू तोमर,अमित मीणा,ललित, मंगेश का अब तक सुराग नहीं मिला है। मामले में देवास का सटोरिए रोहित चौरसिया,बुधवारिया के रिंकू मांदरे,हरिश गेहलोद व जगदीश ३१ मार्च तक और उषाराज व रिपूदमन ८अप्रैल तक रिमांड पर है।
बंदूक का निरस्त कर पिस्टल का लाईसेंस
अरिहंत धाम कॉलोनी निवासी जगदीश पिता हीरालाल परमार बलात्कार जैसे जुर्म में लंबी जेल यात्रा कर चुका है। बावजूद उसने पूर्व में मिला अपना बंदूक का लाइसेंस निरस्त कर आत्मरक्षार्थ का हवाला देते हुए पूरे देश की सीमा दर्शाते हुए पिस्टल के लाइसेंस मांग लिया। आश्चर्य इस बात का है कि पुलिस प्रशासन से पास होते हुए प्रस्ताव संभागायुक्त संदीप यादव तक पहुंच गया। उन्होंने जिला दंडाधिकारी द्वारा ९ नवंबर को जारी पत्र क्र.७३९८/एडीएम/ आ र्स /२०२२ का हवाला देते हुए 20 दिसंबर 2022 को सचिव गृह मंत्रालय वल्लभ भवन भोपाल का पत्र भेज दिया। जिसमें बंदूक का लाइसेंस निरस्त कर जगदीश को प्रदेश की सीमा तक के लिए पिस्टल का लाईसेंस देने की अनुशंसा कर दी।
हालांकि जगदीश का गबन मे ंनाम सामने आने के बाद पुलिस इसे निरस्त करवाने के लिए मुख्यालय को पत्र लिखेगी। सर्वविदित है बंदूक के लाइसेंस के लिए भी प्रभावशाली लोगों को संतरी से मंत्री तक को धोक देना पड़ती है। बावजूद लाईसेंस नहीं मिल पाता। ऐसे में जगदीश को पिस्टल का लाइसेंस देने की अनुशंसा जिम्मेदारों पर भी सवाल खड़े करती है।