इंदौर की घटना के बाद उज्जैन के प्रशासन ने लिया सबक
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर के बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुए हादसे में 36 मौतों के बाद उज्जैन के प्रशासन को भी सबक लेकर धार्मिक मंंदिरों के नजदीक स्थित कुएं और बावड़ी को कवर किए जाने चाहिए। आए दिन होने वाले धार्मिक अनुष्ठानों के चलते यहां भी ऐसी घटना का अंदेशा है।
रामनवमी पर इंदौर में हुई दिल दहलाने वाली घटना के बाद सरकार ने प्रदेश के ऐसे कुएं और बावड़ी को चिन्हित करने के निर्देश देकर उन्हें कवर करने के निर्देश दिए हैं। उज्जैन में भी कुछ मंदिरों पर बावड़ी और कुएं के पास होने से दुर्घटना की आशंका बनती है।
उज्जैन में हजारों मंदिर ऐसे हैं, जहां नजदीक में ही कुए-बावड़ी स्थित हैं। मंछामन मंदिर के पास बनी बावड़ी जहां प्रति बुधवार को भक्तों का जमावड़ा होता है, वर्षों पुरानी बावड़ी और उसके पास की दीवारों की हालत जर्जर है। नगर कोट माता मंदिर के पास की बावड़ी भी अतिप्राचीन है। यहां भी प्रतिदिन बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। खासतौर से नवरात्रि में भक्तों की संख्या अधिक होती है। इस तरह के कई मंदिर शहर में हैं, जिन्हें हादसे होने से पहले नगर निगम को बंद या कवर करना होगा। इसके अलावा हरसिद्धि मंदिर के सामने भी बावड़ी है जो ढांक दी गई है।
नगर निगम करेगी कुएं-बावडिय़ों की जांच
महापौर मुकेश टटवाल ने शहर में ऐसे जितने भी कुएं-बाबडिय़ां जो धार्मिक स्थलों एवं उनके आस-पास है उन सभी की भौतिक स्थिति की जांच करने के निर्देश नगर निगम आयुक्त रौशन कुमार ंिसह को दिए हैं। महापौर श्री टटवाल ने निर्देशित किया कि धार्मिक स्थलों एवं उनके आस-पास के कुएं-बावडियों की जांच संबंधित क्षैत्र के भवन अधिकारी एवं भवन निरीक्षक से करवाई जाएं तथा स्वयं अधिकारी भी उपस्थित होकर उनका भौतिक सत्यापन करें एवं ऐसे कुएं-बावडियों का चिन्हित करें जहां उन पर पक्का निर्माण किया गया है या वे ढंके हुए है ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति या दुर्घटना ना होने पाएं।