कथा स्थल में वीआईपी झोन के अंदर बैठे विट्ठलेश सेवा समित के सदस्य व उनके परिजन।
पहले आओ-पहले पाओ का पालन नहीं, समिति वालों ने वीआईपी जोन बनाया, हे महाकाल… भक्तों के साथ हो रहे छल का न्याय जरूर करना
उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। पं. प्रदीप मिश्रा की विक्रमादित्य शिव महापुराण कथा के पहले ही दिन आयोजन समिति और मंच से पंडितजी के ‘नो वीआईपी’ के दावे खोखले साबित हो गए। खुद समिति सदस्यों ने महाकाल का नाम लेकर किए वादों को हवा में उड़ा दिया।
दरअसल, पं. प्रदीप मिश्रा और विट्ठलेश सेवा समिति ने प्रारंभ में उज्जैन में आयोजित शिव महापुराण कथा को नो वीआईपी आयोजन का नाम दिया था। पं. मिश्रा द्वारा पिछली कथा के दौरान व्यास पीठ से और स्थानीय समिति ने प्रेस नोट के माध्यम से दावा किया था महाकाल की नगरी में होने वाली कथा में कोई वीआईपी नहीं होगा। जो पहले आयेगा वो आगे बैठेगा।
यह दावा कथा के पहले ही दिन तब गलत साबित हो गया जब मंच के नजदीक गुरुजी (पं. मिश्रा) के आने-जाने के लिए तैयार किया गया गेट पहले ही दिन वीआईपी गेट बन गया और यहां से जाने वाले मंच के ठीक सामने बैठे।
समिति के जिम्मेदार सदस्य कार्यालय से गायब होकर अपने-अपने खास लोगों के लिए वीआईपी बैठक व्यवस्था बनाने में जुटे रहे। इस गेट से समिति के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा (पार्षद), उनके पुत्र, संरक्षक दिलीप गुरू, पं. मिश्रा के रिश्तेदार सहित वि_लेश सेवा समिति के सदस्य अपने खास लोगों को अंदर ले जाने में लगे रहे। गेट पर तैनात नीलगंगा टीआई तरुण कुरील भी मौके का फायदा उठाकर पुलिस-प्रशासन के परिवारजन और अपने चहेतों को अंदर एंट्री देते रहे।
आम भक्तों को चार किमी तक चलना पड़ा पैदल
दूसरी ओर बाबा महाकाल के आम भक्त धूप में यहां-वहां धक्के खाते रहे। शिव पुराण कथा आयोजनकर्ता वि_लेश सेवा समिति द्वारा भक्तों के लिए किये गये आवश्यक सुविधाओं के तमाम दावे खोखले साबित हुए। उन्हें बैठने के लिए तक जगह नहीं मिली। भक्तों ने धूप में खड़े रहकर भोले की भक्ति का आनंद लिया।
दूरदराज से आए लोगों के वाहनों को आयोजन स्थल के चारों ओर करीब दो-चार किमी दूर तक रोक दिया गया। वहां से श्रद्धालु तपती धूप में पैदल कार्यक्रम स्थल तक पहुंचे, जबकि आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन से जुड़े लोगों के वाहन कथा स्थल तक पहुंचे।
महाकाल की नगरी में सच्चे भक्तों के साथ ऐसी नाइंसाफी..?
क्या भोले के भक्तों को महाकाल के नाम का सहारा लेकर यहां अपमानित करने बुलाया था। हमारा मानना है शिव महापुराण की व्यास पीठ से निकले शब्द स्वयं महादेव के होते हैं और व्यास पीठ से स्वयं पं. मिश्रा ने मंगलवार को भी कहा कि हमारे यहां कोई वीआईपी नहीं है, यहां सभी महाकाल की प्रजा है। महाकाल यहां के राजा हैं और बहुत जल्दी न्याय करते हैं।
शिव महिमा का करेंगे बखान, भक्तों की दिक्कतें दिलाएंगे ध्यान
हम महाकाल राजा की प्रजा है और शिव महिमा के बखान के लिए ही हमारे हाथ में बाबा ने कलम थमाई है। यशोगान महाकाल राजा का भरपूर होगा और साथ ही उनके भोले भक्तों के साथ हो रहे छल को उज्जैन के राजा तक पहुंचाकर पत्रकारिता धर्म भी निभाया जायेगा। हमे पूरा विश्वास है महाकाल राजा बहुत जल्दी न्याय करेंगे।