भ्रष्टाचार अधिनियम में भी होगी कार्रवाई, जगदीश महिदपुर, देवेंद्र को बडऩगर जेल भेजा, तीनों मुख्य आरोपियों को आज करेंगे पेश
उज्जैन,अग्निपथ। केंद्रीय जेल भैरवगढ़ के डीपीएफ घोटाले में लॉकर ने पूर्व जेल अधीक्षक उषाराज के भ्रष्ट होने पर मोहर लगा दी। वजह २८ साल की सर्विस में उन्हें अब तक करीब सवा करोड़ रुपए वेतन मिला है,जबकि लॉकर से लगभग चार करोड़ की चल अचल संपत्ति बरामद हुइ्र्र है। नतीजतन पुलिस अब उन पर भ्रष्टाचार अधिनियम में ाी कार्रवाई करेगी। वहीं ब्लैकमेलिंग केस में रिमांड पर चल रहे जगदीश परमार व प्रहरी देवेंद को कोर्ट ने शुक्रवार को जेल भेज दिया।
10 मार्च को सामने आए जेल कर्मचारियों के भविष्य निधि के करीब १५ करोड़ के घोटाले को लेकर शुक्रवार को एसपी सचिन शर्मा मीडिया से रूबरू हुए। बताया कि गुरुवार को उषाराज व उनकी बेटी का ज्वाईंट लॉकर खोला। लॉकर में ३.७१८ किग्रा सोने के जेवरात व बिस्किट, ३.१४४ ग्राम चांदी के जेवर व बर्तन, चार प्लाट की रजिस्ट्री और भोपाल में फ्लेट व 24 लाख रुपए जमा करने की रसीद मिली है। अनुमान के अनुसार उक्त संपत्ति चार करोड़ से अधिक की हो सकती है। जांच में और भी संपत्ति के मिलने की संभावना है।
उषाराज की इतनी संपत्ति मिलने पर जेल अधिकारियों से चर्चा की। पता चला कि उषाराज 1997-98 में 5 हजार रुपए वेतन में कल्याण अधिकारी के पद पर पदस्थ हुई थी। फिर वरिष्ठ कल्याण अधिकारी और फिर जिला जेल अधीक्षक बनी। इस दौरान उन्हें करीब सवा करोड़ रुपए वेतन मिला है। इसमें 50 प्रतिशत खर्च काट दिया जाए तो ७५ लाख रुपए से अधिक की संपत्ति उनके पास नहीं हो सकती।
पांच लॉकर और
जेल सूत्रों के अनुसार उषाराज के होशंगाबाद, इंदौर, भोपाल में एक-एक और सागर में भी दो बैंकों में लॉकर है। सभी खोले जाने पर बरामद संपत्ति का आकड़ा ३० करोड़ को पार कर सकता है। इधर सीएसपी अनिलसिंह मोर्य ने कहा कि उषाराज के पास अब तक मिली बेहिसाब संपत्ति के कारण उन पर भ्रष्टाचार अधिनियम की धाराओं के तहत भी कार्रवाई की जाएगी।
तीन को जेल भेजा, उषा की पेशी आज
गबन मामले में रिमांड पर चल रही उषाराज, रिपुदमन व शैलेंद्रसिंह सिकरवार को शनिवार को रिमांड खत्म होने पर पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। वहीं रिमांड खत्म होने पर पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर शुभम बामोरी को भैरवगढ़ जेल, जगदीश को महिदपुर व प्रहरी देवेंद्र को शुक्रवार शाम बडऩगर जेल भेज दिया है।
गबन कांड में बढ़ सकती है राशि
जेल में हुए गबन कांड में शुरूआत में मामला ८.५० करोड़ का सामने आया था। जांच के बाद मामला १३.५४ करोड़ पर पहुंच गया,लेकिन जांच के बाद जो ट्रांजेक्शन सामने आ रहे है उससे गबन की राशि बड़ सकती है। मामले में पुलिस अब तक पांच सटोरिए सहित ९ आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि प्रहरी धमेद्र लोधी, सुशील परमार, पिंटू तोमर सहित पांच की तलाश है।
किससे क्या बरामद
- उषाराज –3.718 किग्रा सोने के जेवरात व बिस्किट, 3.144 किग्रा चांदी के जेवर व बर्तन, चार प्लाट की रजिस्ट्री और भोपाल में फ्लैट व 24 लाख रुपए जमा करने की रसीद।
- रिपुदमन – करीब ८ लाख की प्लाट की रजिस्ट्री,७ लाख की टियागो कार, १ लाख की एक्टिवा, ८ लाख के जेवरात
- हरिश गेहलोद – २ लाख रुपए
- जगदीश परमार- मात्र १.२५ लाख रुपए
- रोहित चौरसिया – १० हजार रुपए
- रिकुसिंह मानरे- मात्र १ हजार रुपए
- धर्मेद्र उर्फ रामजाने- १ हजार रुपए
- शुभम बामोरी व शैलेंद्र सिकरवार से कुछ नहीं मिला।