धन्य है उज्जैनवालों, दिल लूट लिया: पं. प्रदीप मिश्रा

उज्जैन, अग्निपथ। रात हो रही है बिजली कडक़ रही है, तेज हवा चल रही है, बारिश हो रही है। थोड़ी देर बाद उज्जैन के एक-एक घर से लोग आ रहे हैं। कोई बिस्किट ला रहा है, कोई हलवा तो कोई पेठा तो कोई पोहा, कोई भोजन, लस्सी, आईस्क्रीम, चिप्स ना जाने क्या-क्या ला रहा है। एक तो आधी रात को सिंटेक्स की टंकी भरकर दहीबड़ा ले आया। ऐसा है मेरा उज्जैन। धन्य है उज्जैनवालों, दिल लूट लिया तुमने तो।

यह बात उज्जैन के बडऩगर रोड पर चल रही शिव महापुराण कथा के पांचवे दिन शनिवार को व्यासपीठ ने पं. प्रदीप मिश्रा ने कही। उन्होंने उज्जैन वासियों की सेवा भावना की खुलकर तारीफ की। पाण्डाल में बैठे उज्जैनवासियों की प्रशंसा करते हुए पं. मिश्रा ने कहा बुजुर्ग माताएं भी पांडाल में विराजित हैं। जो रोज-रोज नहीं आ सकती, वो अपना कंबल-बिस्तर लेकर यहीं रह रही हैं, धन्य है मेरी माता, तुम्हारे चरण धोकर पीना चाहिए।

रोज भोले का दर्शन जरूर करें

उज्जैन वासियों को पं. मिश्रा ने रोज शिव दर्शन जरूर करने का कहा। आप महाकाल मंदिर जाइये, वहां भीड़ ज्यादा है तो शिखर दर्शन कर लो, या किसी भी शिव मंदिर में जाकर शिव का भजन-पूजन-दर्शन जरूर करना चाहिए। पं. मिश्रा ने कहा सुख में सब साथ देंगे, लेकिन दु:ख की घड़ी में सिर्फ महाकाल साथ देंगे।

वीआईपी पर कटाक्ष

पं. मिश्रा ने वीआईपी के कारण आयोजन में चल रही अव्यवस्थाओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उज्जैन वाले सुबह नौ बजे से आने लगते हैं और जितने मैडम हैं जो आराम से आती हैं और वीआईपी गेट पर आकर झगड़ा करती हैं।

पार्षदों का संदेश-कोई भी इज्जत खराब करवाने मत जाना, घर बैठकर कथा सुन लेना

नगर निगम के पार्षद शिव महापुराण कथा के दौरान हुई बेइज्जती के कारण खासे आक्रोशित हैं। नगर निगम के पार्षद ग्रुप पर चल रही चैटिंग से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। शुक्रवार को आयोजन समिति के अध्यक्ष पार्षद प्रकाश शर्मा ने सभी पार्षदों को कथास्थल पर आने का मैसेज सुबह 8.35 बजे डाला और सुबह 11 से 12 बजे के बीच कथा स्थल पर आमंत्रित किया। कुछ पार्षद वहां गये भी लेकिन उन्हें कथास्थल पर एंट्री ही नहीं मिली और आमंत्रित करने वाले भी गायब हो गये।

बेइज्जत होकर घर लौटे पार्षद गोपाल अग्रवाल ने दोपहर 12.16 बजे ग्रुप पर मैसेज डाला-पुलिस वाले अंदर नहीं आने दे रहे हैं। कोई फोन भी नहीं उठा रहा है और न ही स्वागत पास को कोई मान रहा है। इसके बाद अगला मैसेज 2.38 बजे बालकृष्ण पटेल ने डाला-कोई भी अपनी इज्जत खराब करवाने वहां मत जाना। घर पर बैठकर परिवार के साथ टीवी पर देख लेना।

एक पार्षद तो इतने आक्रोशित थे कि उन्होंने व्यंग्यात्मक रूप से ग्रुप पर लिखा-इतना ज्यादा मान-सम्मान मिल रहा है आप लोगों को, फिर भी शिकायत कर रहे हो। पुलिस वाले लात मार रहे हैं। बाउंसर बदतमीजी करके गाली गलौज कर रहे हैं और ज्यादा मान सम्मान चाहिए। प्लीज प्लीज मैं आप सभी से हाथ जोडक़र रिक्वेस्ट करता हूं एक बार कथा जरूर पधारिएगा यह आपका अपना कार्यक्रम है। मेरा एक छोटा सा आग्रह जरूर मानिए और पुलिस वालों और बाउंसर से स्वागत करवाइये।

इस तरह के और भी संदेश पार्षदों के ग्रुप पर चल रहे हैं। जिसमें पार्षदों का कहना है कि खर्चा नगर निगम कर रहा है और पार्षदों के नाम-फोटो गायब है। अब कथास्थल मेें प्रवेश भी नहीं मिल रहा है। ग्रुप पर इतना आक्रोश देखकर कर अध्यक्ष ने व्यक्तिगत रूप से आग्रह-मनुहार किया। तब 3 पार्षद सुशील श्रीवास, कैलाश प्रजापत, दिलीप परमार और पार्षद पति घनश्याम गौड़ कथास्थल पर गये।

मीडिया को भ्रमित करने का प्रयास

कथा आयोजन समिति श्री विट्ठलेश सेवा समिति ने शुक्रवार को मीडिया को भ्रमित करने का प्रयास किया। कथा के पांच दिन बीतने के बाद दैनिक अग्निपथ कार्यालय पर मीडियाकर्मियों के लिए पास भेजे है। इस पास पर न तो किसी का नाम लिखा है और न ही किसी के हस्ताक्षर का मुहर लगी है। प्रथमदृष्टया यह पास फर्जी लग रहे थे। समिति द्वारा यह स्पष्ट न हीं किया जा रहा था कि यह पास किसके द्वारा भेजे गये हैं।

 

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