महाकाल में शीघ्र दर्शन टिकट खत्म होने से लंबी लाइन में परेशान होते रहे दर्शनार्थी

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार को सुबह के समय श्रद्धालुओंं की लंबी कतार लग गई। कारण था कि मंदिर के शीघ्र दर्शन काउंटर पर मैन्युअल टिकट खत्म होने से परेशानी हुई। जब तक कंप्युटर से टिकट काटने की व्यवस्था हुई, तब तक दर्शनार्थियों की लंबी कतार लग गई। लिहाजा श्रद्धालुओं का आक्रोश था कि टिकट लेने में ही एक घंटा लग रहा है तो यह कैसी शीघ्र दर्शन व्यवस्था है।

बताया जा रहा है कि मंदिर कार्यालय में रसीद कट्टे उपलब्ध ही नही है और अभी छपवाए भी नही है। मंदिर प्रशासन के जिम्मेदारों ने टिकट खत्म होने पर ध्यान ही नही दिया।

महाकालेश्वर मंदिर में विस्तारीकरण होने के बाद भी श्रद्धालुओं की परेशानी खत्म नही हो रही है। एक ओर पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में देशभर के श्रद्धालु पहुंच रहे है। वहीं अवकाश के दिन महाकाल में आने वाले भक्तों की भीड़ हो जाती है। शनिवार को 250 रूपए शीघ्र दर्शन टिकट के लिए प्रोटोकाल कार्यालय के बाहर लंबी कतार लग गई। कारण था कि मंदिर के काउंटर पर शीघ्र दर्शन टिकट के कट्टे खत्म होने के कारण कम्प्युटर से टिकट रसीद देने की व्यवस्था में भीड़ लग गई।

धूप में खड़े श्रद्धालु परेशान होने लगे। ऐसे में कुछ लोग सीधे कार्यालय के अंदर से टिकट ले रहे थे। जिसके कारण आम श्रद्धालुओं में आक्रोश पनपने लगा। श्रद्धालुओं ने कहा कि महाकाल मंदिर की यह कैसी व्यवस्था 250 रूपए की टिकट लेने के लिए लाईन में लगे फिर दर्शन के लिए इंतजार दो घंटे में दर्शन हो रहे है तो मंदिर प्रशासन राशि भी ले रहा है और सुविधा भी नही दे रहा है।

इस संबंध में मंदिर व्यवस्थापक कहते रहे कि काउंटर पर तीन कम्प्युटर लगाकर श्रद्धालुओं को टिकट दी जा रही है। इसके अलावा अन्य मैन्युअल रसीद के माध्यम से भी व्यवस्थांए की जा रही है। लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था हो नहीं पाई।

अधिकारियों ने ध्यान ही नही दिया

मंदिर प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने मंदिर के काउंटर से 250 रूपए शीघ्र दर्शन टिकट का कट्टा खत्म होने के बाद भी ध्यान नही दिया। जिसके कारण मंदिर के कर्मचारी भी परेशान होते है। समय पर कट्टा दिया जाए तो दर्शनार्थियों को तुरंत रसीद दी जा सके। हालत यह है कि कोई भी अधिकारी मंदिर के अंदर से बाहर देखने तक नही आते है। ऐसे में श्रद्धालु आक्रोशित होते है।

विस्तारीकरण में भी सुविधाएं नही

भगवान महाकाल के दरबार में करीब 800 करोड रुपए से ज्यादा खर्च कर नया रंग रूप दिया गया है। यहां बनाए गए अद्भुत महाकाल लोक को देखने के लिए रोजाना डेढ़ से 2 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। यहां मौजूद तमाम सुविधाओं के बावजूद भी हर रोज हंगामे की स्थिति देखी जा रही है। श्री महाकाल महालोक बन जाने के कारण यहां आने वाले भक्तों की संख्या में 10 गुना से ज्यादा बढ़ोतरी हुई है। इसी को देखते हुए मंदिर समिति ने शीघ्र दर्शन करने के लिए 250 रुपए का टिकट अनिवार्य कर दिया है।

बड़ा गणेश मंदिर के पास बनाए गए प्रोटोकॉल कार्यालय से टिकट लेकर ही अंदर प्रवेश किया जा सकता है। खास बात यह है कि महाकाल मंदिर का क्षेत्र कई गुना बड़ा होने के बाद भी बाहर से आने वाले भक्त दर्शन के लिए परेशान होते है।

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