एमआईसी बैठक : महापौर ने अधिकारियों की टीम बनाई, राईजिंग लाईन पर फोकस
उज्जैन, अग्निपथ। शहर के मुख्य पेयजल स्त्रोत गंभीर बांध में तेजी से कम हो रहे पानी की वजह से एक दिन छोडक़र पानी सप्लाय की नौबत आ गई है। एक दिन छोडक़र पानी देने का फैसला हो, इससे पहले शहर में अवैध नल कनेक्शन के खिलाफ बुधवार से बड़ी मुहिम की शुरुआत होने जा रही है। पहला फोकस राइजिंग लाईन के अवैध कनेक्शन पर होगा। बुधवार से दो सहायक यंत्री, 6 उपयंत्री और करीब 20 कर्मचारियों की टीम मशीनों के साथ लैस होकर अवैध नल कनेक्शन के खिलाफ मुहीम की शुरूआत करेगी।
मंगलवार को महापौर परिषद (एमआईसी) की बैठक में यह फैसला हुआ है। महापौर मुकेश टटवाल की अध्यक्षता में हुई एमआईसी की बैठक में पानी के मुद्दे पर ही ज्यादातर बातचीत हुई। निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह द्वारा एमआईसी को एक दिन छोडक़र पानी सप्लाय करने का प्रस्ताव भेजा हुआ है। महापौर की मंशा थी कि एक दिन छोडक़र पानी देने का फैसला करने से पहले पीएचई को पानी के वितरण की व्यवस्था ठीक करना होगी। यहीं वजह रही कि पानी का नुकसान रोकने की मुहीम चलाने का फैसला हुआ।
कुएं-बावड़ी-बोरिंग की सूची मंगवाई
गर्मी के दिनों में जल संकट से निपटने के लिए भी नगर निगम ने अभी से तैयारी शुरू कर दी है। एमआईसी की बैठक के दौरान महापौर मुकेश टटवाल ने पीएचई अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे शहर में स्थित सभी कुएं, बावड़ी व सार्वजनिक बोरिंग की सूची तैयार करे। सभी स्थानों की जांच करे और यदि कहीं रिपेयरिंग की जरूरत है तो तत्काल उस काम को पूरा करे।
दो नई टीफा मशीन खरीदेंगे
मच्छरों से निजात पाने के लिए दो नई टीफा मशीन(फागिंग) भी खरीदने का फैसला एमआईसी की बैठक में हुआ है। नगर निगम के पास फिलहाल दो टीफा मशीन है, इनमें से एक लंबे वक्त से खराब पड़ी है जबकि एक कम क्षमता वाली है। महापौर ने आयुक्त को निर्देशित किया है कि तत्काल दो नई मशीनों की खरीदी कर एक उत्तर व एक दक्षिण क्षेत्र में नियमित फागिंग में लगा दी जाए।
एक नजर पानी के अपव्यय पर
- उज्जैन शहर में लगभग 42 पानी की टंकिया है, इन सभी को पूर्ण क्षमता से भरने के लिए लगभग 4.5 एमसीएफटी पानी हर रोज लगता हैँ। इसके ठीक उलट गंभीर बांध से हर रोज करीब 9 एमसीएफटी पानी लिफ्ट किया जाता है।
- यानि गंभीर से शहर तक आने वाले आधे ही पानी से टंकिया भरी जाती है जबकि आधे पानी का अपव्यय होता है।
- शहर में लगभग 62 हजार 600 घरेलू नल कनेक्शन है, इसके ठीक उलट लगभग 1 लाख 30 हजार परिवार संपत्तिकर भरते है। यानि जितने लोग संपत्तिकर भरते है, उनमें से आधे के पास भी नल कनेक्शन नहीं है।
- 62 हजार 600 वैध नल कनेक्शन में से भी लगभग 30 हजार ही लोग ऐसे है जो नियमित तौर पर जलकर जमा करते है। आधे से ज्यादा लोग समय पर जलकर ही जमा नहीं करते है।
- अकेले जूना सोमवारिया इलाके में ही मेन राइजिंग लाईन(जिससे टंकिया भरी जाती है) पर लगभग 250 अवैध नल कनेक्शन चिन्हित किए गए है। इस वजह से जूना सोमवारिया की पानी की टंकी पूर्ण क्षमता से भर ही नहीं पाती है। ठीक यही स्थिति अन्य टंकियो की भी है।
- पुराने शहर में हजारों की संख्या में ऐसे नल कनेक्शन है जो घरेलू श्रेणी में है लेकिन इनका उपयोग व्यवसायिक तौर पर हो रहा है। पानी की अधिक खपत की एक वजह यह भी है।
अवैध नल कनेक्शन के खिलाफ मुहिम चलाने के लिए टीमों का गठन कर दिया गया है। जरूरत पड़ी तो अवैध नल कनेक्शन वालों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाएंगे। इसके अलावा कुएं-बावड़ी व बोरिंग की सूची और ताजा स्थिति से भी अधिकारियों को अवगत कराने को कहा गया है। – शिवेंद्र तिवारी, एमआईसी सदस्य व पीएचई प्रभारी