सुप्रीम कोर्ट ने दिया स्टे, ब्राह्मण समाज भी आया बचाव में, आर्डर की कॉपी लेकर घूमते रहे एडवोकेट
उज्जैन, अग्निपथ। शहर के ख्यात ज्योतिष पं. आनंद शंकर व्यास का घर अब नहीं हटेगा। उन्हें शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट का स्थगन आदेश मिल गया है। एक दिन पहले ही पं. व्यास अपना घर छोडऩे से दु:खी थे और आंखों से आंसू गिर रहे थे। उनकी व्यथा को दैनिक अग्निपथ शुक्रवार के अंक मेें प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार योजना के कार्य के दौरान बड़ा गणेश मंदिर के नजदीक बने पं. व्यास के मकान को तोडऩे की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया है। ब्राह्मण समाज के पदाधिकारी भी इस मकान को बचाने के लिए आगे आए है।
शुक्रवार को सरकारी छुट्टी थी, कोई अधिकारी अपने हाथ में आदेश की प्रति लेने को तैयार नहीं था, लिहाजा प. व्यास के एड्वोकेट सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति लेकर कई जगहो पर पहुंचे। सर्किट हाउस पर उन्होंने एसडीएम शहर कल्याणी पांडेय को आदेश की प्रति सौंपी।
पं. व्यास के एड्वोकेट मनीष मनाना और अखिल भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष प. सुरेंद्र चतुर्वेदी ने शुक्रवार की शाम सुप्रीम कोर्ट के आदेश की जानकारी मीडियाकर्मियों के माध्यम से साझा की। इसके बाद एडवोकेट मनाना और प. सुरेंद्र चतुर्वेदी दोनों ही आदेश की प्रति राजस्व अधिकारियों को सौंपने के लिए प्रशासनिक कार्यालय पहुंचे।
यहां सरकारी छुट्टी का हवाला देते हुए किसी भी अधिकारी ने आदेश की प्रति अपने हाथ में नहीं ली। इसके बाद दोनों ही कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के निवास पर पहुंचे। यहां कलेक्टर नहीं मिले, उन्हें व्हाट्सअप पर आदेश की प्रति भेजी गई। इसके बाद एड्वोकेट मनीष मनाना और प. सुरेंद्र चतुर्वेदी देवासरोड स्थित सर्किट हाउस पर पहुंचे। यहां एसडीएम कल्याणी पांडेय को उन्होंने आदेश की प्रति सौंपी।
खाली कराने का रवैया आपत्तिजनक
प. सुरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि प. व्यास के मकान में हजारों की संख्या में प्राचीन ग्रंथ धरोहर के रूप में रखे है। वह उनका पैतृक मकान है। महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार से किसी को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन मकान खाली कराने के मामले में प्रशासनिक अधिकारियों का रवैया आपत्तिजनक था। संपूर्ण ब्राह्मण समाज इसका विरोध कर रहा है। प. चतुर्वेदी ने कहा कि यह मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल प. व्यास के मकान पर किसी तरह की कार्यवाही करने पर रोक लगाई है, ऐसे में यदि कोई कार्यवाही होती है तो वह सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आएगी।
वर्षों पुराना है पं. व्यास का मकान
पं. आनंद शंकर व्यास का मकान 1२३ साल पुराना है। पं. आनंद शंकर व्यास के परिवार का दावा है कि यह मकान उनकी पैतृक संपत्ति है। प्रशासनिक अधिकारी महाकालेश्वर मंदिर परिसर विस्तार योजना के अंतर्गत इस मकान को हटाना चाहते है। प. व्यास के परिवार ने तहसीलदार कार्यालय से नोटिस जारी होने के बाद मामले में हाईकोर्ट में अपील की थी।
प. व्यास के मकान के साथ वाले बड़ा गणेश घाटी के लगभग 10 मकान पहले ही हटाए जा चुके हैं। मौके पर अब केवल प. व्यास का ही मकान शेष रह गया है। हाइकोर्ट द्वारा पिछले दिनों मकान तोडऩे की कार्यवाही पर दिया गया स्थगन आदेश वापस लेते हुए पं. व्यास के परिवार को मकान खाली करने के लिए 21 दिन का समय देने का आदेश जिला प्रशासन को दिया था। प. व्यास का परिवार मकान का सामान खाली भी करने लगा था, इसी बीच सुप्रीम कोर्ट से उनके पक्ष में स्थगन आदेश जारी हो गया।