मोबाइल नंबर था तो पकड़े गए मंदिर के नाम पर ठगी करने वाले, पुलिस का दावा – चल रही है जांच, चौंकाने वाले खुलासे होंगे
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती दर्शन के नाम पर दिल्ली के दर्शनार्थियों से ठगी करने वाले पंडे-पुजारी हैं जो आये दिन महाकाल मंदिर में ही घूमते रहते हैं। इन लोगों के मोबाइल नंबर दर्शनार्थियों के पास थे, इस कारण पक्का सबूत होने से ये लोग कार्रवाई के दायरे में आ गये, अन्यथा हर बार बच जाते हैं।
हम आपको बता दें कि नई दिल्ली निवासी नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा एवं दिशांत गैरा रविवार सुबह भस्मारती दर्शन के लिए जाते वक्त एंट्री गेट पर पकड़े गये थे। इनके पास फर्जी अनुपति पत्र था। फर्जी भस्मारती अनुमति पत्र देखते ही मंदिर कार्यालय में हडक़ंप मच गया। बाद में पूछताछ के बाद इन लोगों से मंदिर समिति ने एक लिखित शिकायत ली जिसमें इन्होंने कहा कि वे लोग उज्जैन में कालसर्प दोष का पूजन करने पहुंचे थे।
नृसिंह घाट पर पूजन के बाद उन्हें पंडित पवन कुमार के समक्ष भस्मारती में शामिल होने की इच्छा जाहिर की। पवन कुमार ने कहा वो भस्मारती में अनुमति दिलाने की उनकी मदद करेगा। उसने प्रति व्यक्ति 1500 के मान से 4500 लेकर मृत्युंजय के नाम से रसीद बनवा दी। जो कि पूर्णतया फर्जी थी। पुरानी रसीद पर कंप्यूटर के द्वारा कांट-छांट कर दिल्ली के नितिन, मोहित और निशांत के नाम से बना दी थी। आरती प्रवेश में जांच के दौरान वह अनुमति फर्जी तथा किसी अन्य श्रद्धालु की अनुमति को एडिटिंग कर बनाने जैसे नजर आ रही थी।
मोबाइल नंबर से पकड़े गये
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के पदाधिकारियों को पूछताछ में पता चला कि फर्जी रसीद बनवाने वाले लोगों के मोबाइल नंबर उनके पास हैं। इस आधार पर मंदिर समिति ने आरोपी का नाम पता ढूंढ निकाला और रात में पुलिस को शिकायत सौंप दी।
यह लिखा शिकायत में
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति के कार्यालय अधीक्षक प्रेमनारायण उदेनिया ने बताया कि 16 अप्रैल 2023 को सुबह महाकाल की भस्मारती में शामिल होने श्रद्धालु नितिन भारद्वाज, मोहित अरोरा एवं दिशांत गैरा आए थे। उन्होंने शिकायत में बताया कि तीनों श्रद्धालु उज्जैन में कालसर्प पूजन कराने आए थे।
उन्हें पवन कुमार नामक व्यक्ति जिसका मोबाइल नंबर 6260738516 है, ने भस्मारती की अनुमति जारी करने के लिए मृत्युंजय कुमार के मोबाइल नंबर 9334222621, 6261865996 दिए थे। चर्चा के बाद मृत्युंजय कुमार ने 4500 रुपए लेकर तीनों श्रद्धालुओं की भस्मारती अनुमति जारी करवाई गई थी।
दो आरोपी गिरफ्तार, आगे की जांच जारी
श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति ने दो लोगों के खिलाफ थाना महाकाल में धारा 420, 34 के तहत धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया गया है। जांच कर्ता एसआई जयंत डामोर ने बताया कि सुबह ही दोनों आरोपी पवन कुमार और मृत्युंजय कुमार पूछताछ के लिया बुला लिया था। दोपहर बाद दोनों की गिरफ्तार कर लिया है और आगे की लिंक तलाशी जा रही है।
मंदिर से जुड़े व्यक्ति की मदद के बिना टिकट बनाना संभव नहीं
इस मामले के दोनों आरोपी पंडिताई करते हैं और मंदिर में भी पूजन आदि के लिए आते हैं। विजय कुमार नृसिंह घाट क्षेत्र में पूजन कराता है और मृत्युंजय को अकसर महाकाल में अन्य मंदिरों में पूजन और धागा आदि बांधते देखा गया है। सूत्रों के मुताबिक इन लोगों के जरिए पुलिस को सूचना मिली है कि इन्होंने मंदिर से जुड़े इनके संपर्क सूत्रों को भस्मारती बनाने के लिए कागज दिये थे।
इन्हें नहीं मालुम की फर्जी टिकट बनकर कैसे आ गया। पुलिस को शंका है कि फर्जी टिकट मंदिर से जुड़े कर्मचारी की मिलीभगत के बिना नहीं बन सकता। क्योंकि यदि पुराने टिकट पर कंप्यूटर की मदद से छेडख़ानी कर नए नाम जोड़े गए हैं तो वह पुराना टिकट भी मंदिर कार्यालय से ही निकला है। पुलिस इसी लिंक की तलाश में है और उसे व्यक्ति को भी मुख्य आरोपी की तैयारी में है।
क्यूआर कोड के कारण पकड़े गये-प्रशासक
श्री महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक संदीप सोनी ने बताया कि मंदिर समिति ने विभिन्न रसीदे ऑनलाइन कर दी हैं। जिसकी जांच एंट्री गेट पर क्यूआर कोड के माध्यम से होती है। ऐसे में क्यूआर कोड स्कैन करते ही व्यक्ति का नाम-पता और फोटो भी सामने आ जाता है। इस कारण अब गड़बड़ी कोई भी करेगा तो तुरंत पकड़ा जायेगा। ये मामला की क्यूआर कोड के जरिए ही पकड़ा गया है। अगर इसमें मंदिर से जुड़े किसी व्यक्ति की मिलीभगत है तो उस पर भी कानूनी दायरे में कार्रवाई होगी। किसी को बख्शेंगे नहीं।