रमण गुरू महाकाल भैरव अखाड़े के महामंडलेश्वर बने अखाड़ा परिषद के मुताबिक ऐसा कोई अखाड़ा नहीं

उज्जैन, अग्निपथ। हमेशा चर्चाओं में बने रहने वाले महाकाल मंदिर के पुजारी पं. रमण त्रिवेदी ने सोमवार को खुद को मृत्युंजय महाकाल का पीठाधीश्वर बताते हुए महाकाल भैरव अखाड़े का 1008 महामंडलेश्वर घोषित होने का दावा किया है।

इसके लिए उन्होंने मीडिया को बकायदा महाकाल भैरव अखाड़े से जारी नियुक्ति पत्र भी जारी किया है। नियुक्ति पत्र के मुताबिक महाकाल भैरव अखाड़ा महाराष्ट्र के ठाणे में है। जिसके सुप्रीमो आचार्य महामंडलेश्वर सुरेशचंद्र ए. उपाध्याय हैं। हालांकि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्रपुरी महाराज का कहना है कि देश में सिर्फ 13 सनातनी अखाड़ों को मान्यता है। इन 13 अखाड़ों में महाकाल भैरव अखाड़ा नहीं है।

मैं साधारण नहीं स्वयं महाकाल-अखाड़ा सुप्रीमो

इस नियुक्ति को स्वीकार करते हुए महाकाल भैरव अखाड़े के सुप्रीमों सुरेशचंद्र ए. उपाध्याय ने अग्निपथ को बताया कि हम महाराष्ट्र सरकार से रजिस्टर्ड हैं और किसी से मान्यता लेने की जरूरत नहीं है। सनातन की आड़ में चल रहे रुपयों के खेल के खिलाफ ही हम मैदान में आये हैं।

मैं कोई साधारण नहीं हूं, मैं महाकाल हूं। मैंने 258 पीठाधीश्वर के साथ कलियुग में पहला प्रपंच यज्ञ केरल में किया है। जिसमें पंचतत्वों का आह्वान होता है। इससे पहले यह यज्ञ त्रेतायुग में हुआ था। हमे अखाड़ा परिषद से मत जोडि़ए।

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