महाकाल मंदिर की साख धूमिल करने वाली सुरक्षा कंपनी पर 5 लाख का जुर्माना

महाकालेश्वर मंदिर shikhar

केएसएस पर कार्रवाई

उज्जैन, अग्निपथ। भगवान श्री महाकालेश्वर की भस्मारती दर्शन अनुमति रसीद का गोरखधंधा करने वालों की धरपकड़ हाल ही में महाकाल पुलिस ने की है और सात लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया है। इन सात में दो आरोपी मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था संभालने वाली कंपनी केएसएस यानी कृष्णा सिक्युरिटी एंड लेबर सप्लायर्स सर्विस प्रा. लि. के दो सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे। बुधवार को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने केएसएस कंपनी पर पांच लाख रुपए जुर्माना लगाने के निर्देश दिये हैं। यह पहला मौका नहीं है जब केएसएस कंपनी के कर्मचारियों की वजह से महाकाल मंदिर की छबि प्रभावित हुई है।

श्री महाकालेश्वर मंदिर में पिछले करीब छह महीने से भस्मारती की फर्जी अनुमति जारी होने का गोरखधंधा चल रहा था। जिसमें फर्जी अनुमति के जरिए दर्शनार्थी को मंदिर में सुरक्षित प्रवेश कराने और बाहर तक लाने की जिम्मेदारी केएसएस के दोनों सुरक्षाकर्मियों की थी। मंदिर के बाहर घूमने वाले लोग दर्शनार्थी से मोल-भाव करते और रुपए लाकर केएसएस के कर्मचारियों को देते थे। मंदिर के अंदर की पूरी व्यवस्था कंपनी के कर्मचारी संभालते थे।

सिर्फ दो लोग नहीं कर सकते गोरखधंधा

मंदिर के अंदर फर्जी रसीद के जरिए लोगों को प्रवेश कराने का काम सिर्फ दो सुरक्षाकर्मी संभालते होंगे, ऐसा संभव नहीं है। हो सकता है इसमें केएसएस के और भी कर्मचारियों का सहयोग रहता हो, जो जांच का विषय है। मंदिर सूत्रों का कहना है कि नियमानुसार केएसएस कर्मचारियों की ड्यूटी एक रोटेशन में बदलती रहती है। हर 15 या 20 दिनों में कर्मचारियों की ड्यूटी बदल दी जाती है। लेकिन कुछ कर्मचारी ऐसे हैं जो महीनों से एक ही जगह पदस्थ हैं, जो कि केएसएस कंपनी के जिम्मेदारों की मिलीभगत का बड़ा सबूत है। यह कर्मचारी अधिकतर मुख्य प्रवेश द्वारों पर ही ड्यूटी करते हैं।

सुरक्षा व्यवस्था पर भी खतरा

जिस तरह से फर्जी अनुमति के जरिए सुरक्षा एजेंसी के कर्मचारी दर्शनार्थियों को मंदिर में प्रवेश कराते हैं, उस मान से तो कोई आतंकी मानसिकता का व्यंक्ति भी मंदिर में आसानी से प्रवेश कर सकता है। क्योंकि सुरक्षा में सेंध लगाने वाले तो स्वयं सुरक्षा कर्मी ही हैं।

बिना टेंडर के ही कंपनी का मंदिर पर कब्जा

भोपाल की केएसएस सुरक्षा कंपनी बिना किसी टेंडर प्रक्रिया के ही मंदिर में कब्जा जमाए है। सूत्रों के मुताबिक श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने केएसएस कंपनी को 01 मार्च 2020 से 28 फरवरी 2022 तक के लिए मंदिर में सफाई और अन्य मेनपावर सप्लाई के लिए कर्मचारी उपलब्ध कराने का ठेका दिया था। इसी बीच सुरक्षा एजेंसी का ठेका समाप्त हुआ तो केएसएस कंपनी के कर्मचारी ही सुरक्षा व्यवस्था में लगा दिये गये, जबकि टेंडर के मुताबिक कंपनी को सुरक्षा गार्ड प्रदान नहीं करना थे।

वर्तमान हालात में देखा जाये तो कंपनी का सफाई सहित अन्य कर्मचारियों को सप्लाई करने का टेंडर 13 महीने पहले 28 फरवरी 2022 को ही समाप्त हो चुका है, लेकिन श्री महाकालेश्वकर मंदिर प्रबंध समिति के कर्ता-धर्ता नई व्यवस्था बनाने के बजाय केएसएस कंपनी पर ही अंधविश्वास किये हुए हैं।

मंदिर समिति ने सुरक्षा गार्डों के लिए तो एक नई कंपनी का टेंडर स्वीकार कर लिया है (कार्यादेश जारी नहीं हुआ है), लेकिन सफाई व अन्य मैनपावर के लिए नया कोई टेंडर बुलाया ही नहीं गया।

सूत्रों का मानना है कि केएसएस कंपनी पर समिति के कर्ताधर्ताओं को इतना विश्वास है कि आनेवाले दिनों में वे सफाई व्यवस्था इसी केएसएस कंपनी से कराने की चाहत रखते हैं।

अवांछित तत्वों पर नजर रखें प्रवेश पर लगेगा प्रतिबंध

कलेक्टर ने बुधवार को जारी निर्देश में कहा कि मंदिर में अनाधिकृत रूप से घूमने वाले लोगों पर भी नजर रखी जाये और अगर ये लोग किसी दर्शनार्थी से रुपए लेते या मंदिर की साख खराब करते पाये जाते हैं तो ऐसे लोगों पर तुरंत कार्रवाई की जाए और मंदिर में प्रवेश प्रतिबंधित किया जाये।

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