अर्जुनसिंह चंदेल
वियना की रात्रि भी खूबसूरत ही रहती है होटल के कमरों में ठंडक के लिये वातानुकूलित यंत्र की जरूरत ही नहीं पड़ती हाँ पर कमरों में तापमान का संतुलन बनाये रखने के लिये केन्द्रीय वातानुकूलित तो हर कमरे में लगे ही रहते हैं। यूरोप की होटलों में पंखे नहीं होते हैं। वहाँ भी रातें अपने मालवा जैसी ठंडी होती है। बढिय़ा नींद आयी सुबह उठकर होटल में सुबह का भरपूर नाश्ता करने के बाद हम सभी लोग वीडियो कोच में सवार होकर टूर के अंतिम पड़ाव स्थल हंगरी के बुडापेस्ट के लिये निकल पड़े।
लगभग 3 घंटे की यात्रा के बाद हम बुडापेस्ट पहुँच गये। वर्ष 2020 की जनगणना अनुसार 17 लाख 50 हजार 216 की आबादी वाला बुडापेस्ट शहर चार बस्तियों बुडा, पेस्ट, ओबुडा एवं कोबन्या में विभाजित है हंगरी का मध्यभाग होने के कारण यातायात मार्गों तथा व्यापार का प्रमुख केन्द्र बन गया। अनाज, गाय, बैल, ऊन और चमड़े का व्यापार यहाँ प्रमुख है।
बुडापेस्ट के मध्य से गुजरने वाली डैन्यूब नदी पर बुडा और पेस्ट बस्तियों को जोडऩे के लिये अनेक पुल मौजूद है। 90530 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले 97 लाख की जनसंख्या वाले हंगरी देश की राजधानी बुडापेस्ट अपने बाग-बगीचों, पार्क, अस्पताल, सुंदर भवनों एवं गिरजाघर के लिये प्रसिद्ध है। बुडापेस्ट का भ्रमण भी वीडियो कोच द्वारा ही किया गया हमारे पुरुष गाईड ने बताया कि बुडापेस्ट में मौजूद हंगरी का संसद भवन दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी इमारत है।
जिस मेट्रो ट्रेन को हम भारतीय बहुत बड़ी उपलब्धि मानते हैं वह मेट्रो ट्रेन सन् 1896 में ही बुडापेस्ट में प्रारंभ हो गयी थी। गाईड ने बताया कि हंगेरियन 9वीं शताब्दी में बुडापेस्ट पहुँचे थे। सन् 1241-42 मंगोलो ने इस पर कब्जा जमा लिया था बाद में रोमन साम्राज्य भी यहाँ रहा।
बुडापेस्ट ऐसा शहर है जहाँ हंगरी के योद्धाओं की आदमकद प्रतिमाएं लगायी गयी हैं। दुनिया में हेलीकॉप्टर, बाल पेन के अविष्कार बुडापेस्ट में ही हुए हैं। दिलचस्प संग्रहालयों और स्मारकों के इस शहर में 1500 से अधिक स्पा सेन्टर है। यहाँ 20 से अधिक तरह की वाइन का निर्माण होता है इसके अलावा 8 तरह की अंगूर से निर्मित वाइन भी उपलब्ध है जिनका निर्यात दुनिया भर में होता है। दुनिया में शायद साक्षरता दर हंगरी में सर्वाधिक होगी। 97 लाख आबादी के 99 प्रतिशत होग साक्षर है।
सिटी टूर के बाद टूर आपरेटर ने क्रूज पर सैर कराने की व्यवस्था की थी पर अपने राम हिंदुस्तान के अलावा दुबई, सिंगापुर, चीन में भी क्रूज यात्राएं कर आये थे सो नहीं गये और पहुँच गये बीयर बार टूर के आखरी दिन मजा लेने। बीयर बहुत ही सस्ती है। यूरोप में शायद हंगरी में ही हमारी भारतीय मुद्रा की स्थिति यूरोप के अन्य देशों की तुलना में ठीक है।
जर्मनी में वहाँ के 1 यूरो हमारे 91 भारतीय रुपयों के बराबर है। हंगरी में वहाँ की मुद्रा फोरिंट है हंगरी का एक फोरिंट हमारे 23 भारतीय रुपयों के बराबर है। बीयर बार में 1-1 लीटर के विशेष गिलासों में बीयर दी जाती है वह भी मात्र 92 रुपयों में। जमकर आनंद लिया हंगेरियन बीयर का।
एक बात और हंगरी में बीयर पीते समय चीयर्स नहीं किया जाता है कारण पूछने पर बताया गया कि आस्ट्रिया और हंगरी के युद्ध में आस्ट्रिया जीत गया था और हंगरी की सेना पराजित हो गयी थी तब आस्ट्रिया की सेना ने पराजित हंगरी की सेना के सामने बीयर चीयर्स करके जश्न मनाया था। तब से ही हंगेरियन बीयर पीने के पहले चीयर्स को अशुभ मानते हैं।
यूरोप यात्रा में बुडापेस्ट सबसे सस्ता लगा तो हमने भी जमकर खरीदी की। बहू के लिये पर्स, अभिराज के लिये चॉकलेटें, नन्हीं पौती जयवर्धनी सिंह के लिये कपड़े। बाकी लोगों ने भी अपनी जेबे खाली कर दी क्योंकि आज आखरी दिन था। रात्रि भोजन भारतीय भोजनालय में करके होटल पहुँचे।
अगले दिन 3 अप्रैल की सुबह 9 बजे बुडापेस्ट हवाई अड्डे के लिये रवाना हुए लगभग 45 मिनट के बाद वहाँ पहुँचे दोपहर 12 बजे फिन एयरवेज के विमान से पहले हेलसिंकी और लगभग 3 घंटे वहाँ रूकने के बाद शाम 5 बजे हेलसिंकी से विमान ने नयी दिल्ली के लिये उड़ान भरी।
भारतीय समयानुसार सुबह 5 बजे दिल्ली और दिल्ली से 9:30 पर इंदौर की फ्लाईट पकडक़र 11 बजे इंदौर पहुँच गये। दिल्ली एयरपोर्ट पर सभी साथियों से विदा ली। हमारे टूर आपरेटर दीक्षित टूर एण्ड टे्रवल्स के भाई संदीप दीक्षित एवं नरेश सिंगला थे जिनका मुख्यालय दिल्ली के नजदीक बहादुरगढ़ है और उनका मोबाइल नंबर 93060-25870 तथा नरेश जी का नंबर 9555958080 है। इन दोनों साथियों ने किसी भी यात्री को परेशानी नहीं आने दी। अब अगले देश की यात्रा होगी तब फिर मिलेंगे।
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