आज से महाकाल मंदिर के गर्भगृह दर्शन की रसीद ऑनलाइन

प्रोटोकाल कार्यालय के बाहर कतार नहीं लगाएं, स्लॉट के मुताबिक मिलेंगे दर्शन

उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में शनिवार 22 अप्रैल से  750 रुपए की गर्भगृह दर्शन अनुमति रसीद ऑनलाइन मिलना शुरू हो जाएगी। मंदिर समिति ने इसकी तैयारी कर ली है। मंदिर समिति ने दर्शनार्थियों से आग्रह किया है कि वे अब वे घर बैठे ही ऑनलाइन अनुमति लेकर उसकी दान राशि बैंक अकाउंट से जमा कर सकते हैं, इसके लिए उन्हें प्रोटोकाल कार्यालय के बाहर लाइन लगाने की आवश्यकता नहीं है।

मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि ऑनलाइन अनुमति स्लॉट के मुताबिक जारी होगी। जिसके तहत प्रत्येक घंटे का स्लॉट तय होगा। उसी दौरान अनुमति लेने वाले को दर्शन की पात्रता होगी।

कार्यालय पर मदद करेंगे कर्मचारी

जूनवाल ने बताया कि जो दर्शनार्थी मंदिर के प्रोटोकाल कार्यालय पर आता भी है तो उसे वहां से ऑफलाइन टिकट नहीं मिलेगी। लेकिन मंदिर समिति के कर्मचारी उन्हें ऑनलाइन अनुमति बुकिंग कराने में मदद करेंगे। मंदिर प्रशासक संदीप सोनी के मुताबिक शनिवार से यह व्यवस्था ऑनलाइन होने से श्रद्धालुओं को गर्भगृह से दर्शन की 750 रुपए की रसीद प्राप्त करने की आसानी होगी।

शीघ्रदर्शन अनुमति के काउंटर बढ़ाए

महाकाल मंदिर प्रबंध समिति द्वारा अभी 250 शीघ्र दर्शन अनुमति के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए परमिशन काउंटर की संख्या बढ़ाई गई है। शीघ्रदर्शन की अनुमति अनलिमिटेड है।

गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित हो तभी बेहतर होगी व्यवस्था-कलेक्टर

कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने शुक्रवार को कहा कि श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन व्यवस्था सुधार के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उसी दिशा में गर्भगृह दर्शन की अनुमति रसीद को ऑनलाइन किया है। मंदिर समिति करीब 1300 लोगों को गर्भगृह में प्रवेश और जलाभिषेक के लिए 750 रुपए की रसीद पर अनुमति जारी करती है। लोग रात से कतार लगा रहे हैं। जैसा कि आप देख रहे हैं मंदिर में दर्शनार्थियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। और 750 रुपए द ेकर हर व्यक्ति चाहता है कि उसे गर्भगृह से दर्शन मिले।

मुश्किल तब होती है जब दो घंटे में ही सारी अनुमति बुक हो जाती है। बाकी लोग रह जाते हैं तो वे नाराज हो जाते हैं। करीब 1300 लोगों को ही अनुमति रोज जारी होती हैं। कलेक्टर ने बताया कि फिलहाल लोगों की नाराजगी दूर करने का यही आसान तरीका है कि अनुमति ऑनलाइन की जाये। लेकिन मंदिर में दर्शन व्यवस्था बेहतर करने का एकमात्र तरीका यह है कि गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित हो। यह शासन, जनप्रतिनिधि, पंडे-पुजारी को मिलकर सामूहिक रूप से तय करना होगा। हमारा इस दिशा में भी प्रयास जारी है।

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