रिटायर्ड अधिकारी-कर्मचारियों को काम सौंपने के फैसले पर अपर आयुक्त ने ही उठाए सवाल
उज्जैन, अग्निपथ। नगर निगम के 260 से ज्यादा रिटायर्ड कर्मचारियों में से 25 अधिकारी-कर्मचारियों को छांटकर दोबारा उन्हें नगर निगम की सेवा में लाने और उनसे रूटीन काम करवाए जाने के फैसले का नगर निगम में ही विरोध शुरू हो गया है। निगम कर्मचारी संघ के एक ग्रुप में तो अपर आयुक्त आर.एस. मंडलोई ने सीधे तौर पर ही इस फैसले के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंडलोई का कहना है कि यह फैसला नगर निगम के हित में नहीं है।
गौरतलब है कि दो दिन पहले महापौर मुकेश टटवाल और आयुक्त रोशन कुमार सिंह ने नगर निगम के पुराने 25 कर्मचारियों के साथ बैठक कर उनसे नगर निगम के कामकाज में सुधार लाने के लिए सुझाव मांगे थे। महापौर और आयुक्त की मंशा है कि नगर निगम के चुनींदा रिटायर्ड कर्मचारी अपने अनुभव के आधार पर निगम के जनहितेषी प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में मदद करे। इस फैसले का नगर निगम के कुछ अधिकारी-कर्मचारी ही विरोध कर रहे है। दबी जुबांन से दावा किया जा रहा है कि नगर निगम से सेवा निवृत्त इंजीनियर पी.एल. टटवाल और सेवानिवृत्त उपायुक्त आर.पी. श्रीवास्तव के खिलाफ आर्थिैक अनियमितता की जांच चल रही है।
इसके अलावा संजय चौबे, सुभाष जैन सहित दो अन्य कर्मचारियो ने तो ऐच्छिक सेवानिवृत्ति ली है, ऐसे में दोबारा इनसे नगर निगम के काम क्यो लिए जा रहे है यह समझ से परे है। अपर आयुक्त मंडलोई ने विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में लिखा है- अलीबाबा जाएंगे तो चालीस चोर आएंगे।