एनसीडी को लेकर जिला अस्पताल में समीक्षा बैठक कर दिये जरुरी सुधार के निर्देश
उज्जैन, अग्निपथ। ह्दयघात से यंग मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग की चिंतित है। इसी को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग की एनसीडी (नॉन कम्यूनिकेबल डिसीज) क्लिनिक की डिप्टी डॉयरेक्टर ने जिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने यहां पर खोली गई क्लिनिक का भी निरीक्षण किया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की और आवश्यक सुधार के निर्देश प्रदान किये।
प्रदेश सहित शहर के लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग असंचारी रोग जैसे ह्दयघात, कैंसर, डायबिटिज, दमा आदि के लिये एक अलग से क्लिीनिक संचालित कर रहा है। इसमें 30 प्लस के मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां उनको नि:शुल्क जाचें और दवाएं दी जाती हैं। दवाएं खत्म होने से पहले उनको रिमांडर भी कराया जाता है। जिला अस्पताल के रूम नं. 8 में इस क्लिनिक का संचालन आरोग्य हेल्थ वेलनेस सेंटर के नाम से किया जा रहा है। माधव नगर में भी इस क्लिनिक का संचालन रूम नं. 5 में किया जा रहा था लेकिन कोविड के बाद लगभग इसका संचालन बंद है।
एनसीडी, आईसीयू, यूपीसीसी का निरीक्षण
भोपाल से आईं डिप्टी डॉयरेक्टर डॉ. नमिता नीलकंठ ने सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा, नोडल अधिकारी एनसीडी डॉ. रौनक एलची, आरएमओ डॉ. भोजरात शर्मा, डीएचओ डॉ परमिंदर बग्गा के साथ एनसीडी क्लिनिक, आईसीयू और यूपीसीसी का निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की। उन्होंने अधिकारियों को सुधार के निर्देश देने के साथ ही नई ऊर्जा के साथ काम करने के लिये भी प्रोत्साहित किया।
स्ट्रोक से यंग मौतों को लेकर समीक्षा
एनसीडी के नोडल अधिकारी डॉ. रौनक एलची ने बताया कि हाल ही में 30 की उम्र से नीचे के युवाओं में स्ट्रोक से मौतों को लेकर स्वास्थ्य विभाग चिंतित है। इनके कारण पर भी मंथन करने के लिये डॉ. नमिता नीलकंठ का उज्जैन दौरा हुआ। युवाओं में भी तेजी से डॉयबिटिज और ब्लड प्रेशर की बीमारी बढ़ रही है। युवाओं को भी अब समय समय पर अपनी हार्ट, डॉयबिटिज और ब्लड प्रेशर की मॉनिटरिंग करवाना होगी। ताकि असमय युवा मौतों पर विराम लग सके।