माधव नगर अस्पताल में भी पीआईसीयू-एचडीयू उदघाटन के इंतजार में
उज्जैन, अग्निपथ। जिले सहित पूरे संभाग में विषय विशेषज्ञ डॉक्टर्स सहित नर्सिंग स्टॉफ का टोटा पड़ा हुआ है। इसके बावजूद संसाधन तो बढ़ाये जा रहे हैं, लेकिन मेन पॉवर बढ़ाने की ओर स्वास्थ्य विभाग का ध्यान नहीं है। जिला अस्पताल और माधव नगर अस्पताल को ही लें तो यहां पर विषय विशेषज्ञ डॉक्टर्स और नर्सिंग स्टॉफ की कमी सालों से बनी हुई है। दैनिक अग्निपथ ने अपने पिछले अंकों में मेन पॉवर की कमी को लेकर कई समाचार प्रकाशित किये थे।
अब एक नया ततुंबा सामने निकल कर आया है। स्वास्थ्य विभाग अब जिला अस्पताल के पीछे 100 बेड का क्रिटिकल वार्ड अस्पताल बनवा रहा है। हालांकि इसका निर्माण अभी शुरु नहीं हुआ है। लेकिन यहां पर रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के परिवार को तुरंत हटाने के निर्देश जारी किये गये थे। स्वास्थ्य कर्मियों ने तो यहां से रवानगी ले ली। इनके मकानों को भी जमींदोज कर दिया गया, लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी यहां पर निर्माण कार्य शुरु नहीं किया गया है। जानकारी में आया है कि भोपाल विकास प्राधिकरण इसकी निर्माण एजेंसी है।
डॉक्टर्स-नर्सिंग स्टॉफ कहां से लायेंगे
वर्तमान में जिला और माधव नगर अस्पताल में मेडिसीन में केवल दो डॉक्टर्स अपनी सेवाएं दे रहे हैं। रेडियालॉजिस्ट, पैथालॉजिस्ट की भी कमी बनी हुई है। ऐसे में 100 बेड का वार्ड बना देने से यहां के लिये कम से कम 10 डॉक्टर्स और 20 नर्सिंग स्टॉफ की आवश्यकता रहेगी।
आकस्मिक चिकित्सा वार्ड होने के कारण यहां पर हर समय डॉक्टर्स और स्टाफ की उपलब्धता सुनिश्चित करना होगी। ऐसे में इतना स्टॉफ स्वास्थ्य विभाग कहां से दे पायेगा। यह बात लोगों को समझ से परे नजर आ रही है।
वहीं माधव नगर में पीआईसीयू और एचडीयू वार्ड भी बनकर उदघाटन के इंतजार में है। इसी सप्ताह इसका उदघाटन भी हो जायेगा। यहां पर भी प्रशिक्षित विशेष विशेषज्ञ डॉक्टर्स और नर्सिंग का कम से 20 लोगों के स्टॉफ की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में कहां से लायेंगे इतना मेन पॉवर…।
ननि चौराहे का करेगा सौंदर्यीकरण
चामुंडा चौराहा से प्रेमछाया का चौड़ीकरण भी किया जायेगा। प्रेमछाया के सामने रहने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के मकानों को भी जमींदोज किया जा रहा है। यहां पर चौराहा विकसित किया जायेगा। जिसका सौंदर्यीकरण नगरनिगम द्वारा किया जायेगा। इस रोड का चौड़ीकरण हो जाने से यहां से लोगों को आने जाने में सुविधा भी मिल जायेगी और आगर रोड पर ट्रेफिक का दबाव भी कम हो जायेगा।