उज्जैन के शक्तिपीठ हरसिद्धि मंदिर में आग

ujjain Harsiddhi deepmalika

दीप स्तंभ में आग लगने से देखने वाले स्तब्ध, स्तंभ के कई दीप टूटकर गिरे

उज्जैन, अग्निपथ। देश के 51 शक्ति पीठों में से एक उज्जैन में स्थित माता हरसिद्धि के मंदिर प्रांगण में खड़़ेे दो बड़े दीप स्तम्भों में गुरुवार दोपहर आग लगने की घटना हुई है जिससे मंदिर में हडक़ंप मच गया। आग से मंदिर के मौजूद श्रद्धालु इधर उधर भाग गए। दमकल कर्मी आग पर काबू पाते उससे से पहले दीप स्तम्भों के एक दर्जन से अधिक दीप खंडित हो गए। हालांकि कोई जनहानि नहीं हुई।

हरसिद्धि मंदिर के पंडित के मुताबिक करीब एक बजे साउथ से आई कुछ महिला श्रद्धालु ने 108 दीप प्रज्वलित कर दीप स्तम्भ के पास रख दिए, उन्ही दीपकों की वजह से दीप स्तम्भ में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। 51 फीट के दीप स्तम्भ में लगी आग के निचे वाले हिस्से में तो आग पर मंदिर के कर्मचारियों ने काबू पा लिया लेकिन ऊपर की और लगी आग को दमकल की टीम ने करीब आधे घंटे में बुझाया। पंडित गोस्वामी ने बताया कि करीब एक दर्जन दीपक टूट गए है जिन्हें बनाने के लिए राजस्थान से कारीगरों को बुलाया है। फिलहाल जब तक दीप स्तम्भ दोबारा बन नहीं जाते तब तक प्रतीकात्मक रूप से स्तम्भ में नीचे के दीप जलाएंगे।

राजा विक्रमादित्य के ज़माने के है दीप स्तम्भ

हरसिद्धि मंदिर में मौजूद दो स्तम्भ अति प्राचीन है, मान्यता है कि इन्हें राजा विक्रमादित्य ने बनवाया था। और उस ज़माने से इसमें दीपक जलते आ रहे है। आज भी इन दीप स्तंभों को रोशन करने के लिए तीन तीन महीने का वोटिंग चलता है। 51 फीट ऊंचे स्तम्भ में दीपों को जलाने में रोजाना 60 लीटर तेल लगता है। आपको बता दे मंदिर में स्थापित 51 फीट ऊंचे 1100 दीपों के दो दीप स्तम्भ है। इनमे से एक स्तम्भ में आग लगी थी।

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