मंदिर समिति को दान की आड़ में दर्शन करना चाहते थे, पकड़े गये तो बिना रुपए दिये ही गायब
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर मंदिर में बाहरी दर्शनार्थी एक स्थानीय दानदाता को हजारों रुपए का चूना लगाकर गायब हो गये। दानदाता ने महाकाल के भक्तों की मदद के नजरिये से उनके लिए दान में देनेवाले वॉटर कैंपर भी बुलवाये और उनकी 250 रुपए शीघ्रदर्शन की रसीद की कटवाई। लेकिन इसका भुगतान किये बिना ही वे दर्शन के बाद गायब हो गये।
हुआ यूं कि बाहर के दर्शनार्थियों के एक ग्रुप ने मंदिर समिति के एक अधिकारी को बताया कि वो मंदिर समिति को 50 वॉटर कैंपर दान करना चाहते हैं। बदले में उनका ग्रुप गर्भगृह से दर्शन करना चाहता है। अधिकारी ने उन्हें स्वीकृति दे दी। दर्शनार्थी के कहने पर अधिकारी ने एक स्थानीय दानदाता को कहकर 50 वाटर कैंपर भी बुलवा लिये। करीब 500 रुपए के मान से 50 कैंपर की कीमत 25 हजार रुपए होती थी, जो कि दर्शन के बाद बाहरी दर्शनार्थियों ने चुकाने का कहा।
निरीक्षण में रोक लिया
इस मामले में विवाद की स्थिति जब बनी तब दर्शनार्थियों के उस जत्थे को चैकिंग के दौरान विश्राम धाम के बाहर रोक लिया गया। यह महिला-पुरुष सहित करीब 75 दर्शनार्थियों का ग्रुप था। वरिष्ठ अधिकारियों की जानकारी में मामला आया तो उन्होंने दान के बदले दर्शन कराने वाले अधिकारी से बात की।
75 दर्शनार्थियों की संख्या सुनकर अधिकारी के भी कान खड़े हो गये। उन्होंने सोचा था कि 5-10 लोगों का ग्रुप होगा। इस पर अधिकारी ने शीघ्रदर्शन की टिकट के बाद ही उन्हें प्रवेश देने का कहा। एक बार फिर अधिकारी ने दानदाता से मदद का कहा। दानदाता को दर्शनार्थियों ने कहा कि वे रसीद बनवा दें, वे बाद में भुगतान कर देंगे। इस तरह दानदाता ने एक बार फिर उनकी मदद करते हुए 75 दर्शनार्थियों के लिए 250 रुपये की रसीद बनवाई।
बिना बताये गायब हो गये
दर्शन के बाद बाहर से आये दर्शनार्थी दानदाता को रुपए दिया बिना ही गायब हो गये। सूत्रों के मुताबिक उनका कहना था कि दान देने के बाद भी उन्हें दर्शन से रोककर उनके ग्रुप का अपमान किया गया है। सूत्रों के मुताबिक यह दर्शनार्थी किसी संस्था के सदस्य थे। जो सामूहिक रूप से दान करने पर सहमत हुए थे। इन्हें जब दर्शन के लिए रोका गया तो ग्रुप के सदस्यों में विवाद हो गये और वे चुपचाप निकल लिये।
मंदिर प्रशासन ने एक बाहरी व्यक्ति पर लगाया प्रतिबंध
श्री महाकालेश्वर मंदिर में पंडित की वेशभूषा या अन्य किसी कारणों से घूमने वाले अनाधिकृत लोगों पर मंदिर प्रशासन की नजर सख्त हो गई है। अधिकारी निरीक्षण करने के साथ ही अनाधिकृत बाहरी व्यक्ति पर प्रतिबंध की कार्रवाई भी कर रहे है। एक व्यक्ति पर प्रतिबंध लगाने का आदेश मंदिर प्रशासन ने शुक्रवार को जारी किया है।
गुरुवार को अधिकारियों के निरीक्षण में एक श्रद्धालु के साथ जा रहे दयाराम नामक बाहरी व्यक्ति से पूछताछ की तो वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। हालांकि जिस दर्शनार्थी के साथ वह जा रहा था उसने टिकट ली थी। बताया गया कि दयाराम पूर्व में मंदिर में व्हीलचेयर चलाने का काम करता था। वर्तमान में वह व्हीलचेयर चलाने के लिए अधिकृत नहीं है। इसीलिए उसके अनाधिकृत रूप से मंदिर में घूमने पर प्रतिबंध लगाया है। दर्शन करने के लिए वह सामान्य दर्शनार्थियों की तरह प्रवेश कर सकेगा।