750 रुपए की रसीद वाले दर्शनाथियों के कारण आम दर्शनार्थी बाबा की एक झलक को भी मोहताज
उज्जैन, अग्निपथ। महाकालेश्वर दर्शन के लिए रविवार को 750 रुपए वाले दर्शनार्थियों की दिनभर कतार चलती रही। गर्भगृह में आवाजाही के कारण आम दर्शनार्थी दूर से भी भगवान महाकाल की झलक नहीं देख पाये।
रविवार को नियमानुसार आम लोगों के गर्भगृह के दर्शन बंद रहते हैं। उन्हें दूर से गणेश मंडपम् के बेरिकेड्स से महाकाल के दर्शन करना होते हैं। इस रविवार को 750 रुपए की जलाभिषेक रसीद से आने वाले दर्शनार्थियों की संख्या ज्यादा रही। दोपहर तीन बजे तक भी जलाभिषेक रसीद वाले दर्शनाार्थियों कतार लगी हुई थी। इस कारण गर्भगृह में आवाजाही बनी रही और सामान्य दर्शनार्थी दूर से भी महाकाल बाबा को चंद सेकंड के लिए नहीं निहार पाये।
तय सीमा का पालन नहीं
यूं तो मंदिर समिति ने 750 रुपए की रसीद वाले जलाभिषेक दर्शन का कोटा तय कर रखा है। लेकिन जब से ऑनलाइन टिकट शुरू हुए हैं, तब से दर्शनार्थियों की संख्या तेजी से बढी है। मंंदिर समिति के कर्ताधर्ताओं का दावा है कि सीमा में ही स्लॉट जारी हो रहे हैं। तो फिर सवाल उठता है कि दर्शनार्थियों की संख्या बढ़ कैसे रही है।
जिन चार दिनों में आम लोगों के दर्शन दोपहर 1 बजे बाद शुरू होते हैं, उन दिनों 1 बजे तक हर हाल में गर्भगृह के विशेष दर्शन समाप्त हो जाते हैं। फिर अन्य दिनों में ऐसा क्यों नहीं हो पा रहा है। ऑनलाइन दर्शन के अलावा प्रोटोकाल की रसीदें भी अनगिनत कटती रहती हैं। ऐसे में लिमिट क्रॉस हो जाती है और घंटो लाइन में धक्के खाकर अंदर पहुंचा सामान्य दर्शनार्थी महाकाल बाबा की एक झलक भी ठीक से नहीं देख पाता है।