वाट्सऐप पर क्यूआर कोड भेज खाते में डलवा लिये 99 हजार

आर्मी अफसर बनकर बैटरी खरीदने के लिये किया था कॉल

उज्जैन, अग्निपथ। आर्मी अफसर बनकर इन्वर्टर की बैटरी का सौदा करने के बाद शातिर बदमाशों ने बैटरी संचालक के यहां काम करने वाले युवक के खाते से 99 हजार ठग लिये। बदमाशों ने क्यूआर कोड भेजा था, जिसे स्कैन कराने के बाद धोखाधड़ी की।

इंदिरानगर में रहने वाले मोहम्मद पिता हातिम मलिक इंदौरगेट पर नेशनल बैटरी नाम से दुकान का संचालन करते है। कुछ दिन पहले उनके मोबाइल पर 76996-45386 से कॉल आया और कहा कि मिलेट्री आफिस से अनिल बोल रहा हूं। इन्वर्टर के लिये 2 बैटरी चाहिये। मोहम्मद मलिक ने 2 बैटरी की कीमत 25 हजार रुपये बताई। अनिल ने डिलेवरी नागझिरी स्थित सीएनजी पंप के पास देने को कहा और पैमेंट नगद में करने के साथ अधिकारी का कॉल आने की बात कहकर मोबाइल काट दिया।

कुछ देर बाद वापस 95471-11551 से कॉल आया और कहा कि 10 हजार रुपये नगद देंगे, 15 हजार पेटीएम कर देगें। मोहम्मद मलिक ने अपने पुत्र हासिम और काम करने वाले इमरान को बैटरी देकर नागझिरी रवाना कर दिया। जब काफी देर तक बैटरी लेने कोई नहीं आया तो हातिम ने पिता को कॉल किया। मोहम्मद मलिक ने अनिल को कॉल किया तो उसने पुत्र का न बर देने को कहा। जिस पर कॉल करने के बाद शातिर बदमाश ने हातिम को अपनी बातों में उलझाया और क्यूआर कोड भेजकर कहा कि इसे पेटीएम पर स्कैन कर 15 हजार डाल दो, 30 हजार वापस भेज देंगे।

हातिम के अकाउंट में पैसे नहीं थे, उसने दुकान पर काम करने वाले इमरान के खाते से 15 हजार रुपये डाल दिये। जब वापस 30 हजार नहीं आए तो उसने कॉल किया। अनिल ने कहा कि कोड गलत हो गया है। पेटीएम पर 44 हजार 440 डालकर पिन डालो और मेरे ओके कहते ही ट्रांजेक्शन कर देना। इमरान दूसरी बार में भी नहीं समझा और उसने कोड डालकर ओके कर दिया।

खाते से 44 हजार रुपये निकल गये। शातिर बदमाश की बातों में इमरान और हातिम उलझ चुके थे। उन्होंने तीसरी बार में भी 39 हजार 999 का ट्रांजेक्शन कर दिया। खाते से तीन बार में 99 हजार 940 रुपये कट चुके थे। अपनी गलती का अहसास होने पर उन्होने वापस मोबाइल पर आए न बरों पर कॉल किया तो बदमाश ने कहा कि पैसे वापस चाहिये तो 45 हजार का ट्रांजेक्शन करना होगा।

इमरान और हातिम ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी के बारे में मोहम्मद मलिक को बताया, लेकिन काफी देर हो चुकी थी। मामले की शिकायत सायबर सेल में दर्ज कराई गई है। जांच में सामने आया कि रुपये यस बैंक के माध्यम से झारखंड में निकाले गये हंै। मोबाइल नम्बर असम के है। सायबर टीम शातिर बदमाशों का सुराग लगाने का प्रयास कर रही है।

टायर और फर्नीचर वालों से हुई थी ठगी

2 माह पहले आर्मी अफसर बनकर वाहनों के टायर बेचने वाले और फर्नीचर बनाने वाले से भी लाखों की ठगी की गई थी। शातिर बदमाशों ने सौदा करने के बाद उन्हे ाी नागझिरी सीएनजी पम्प के पास बुलाया था और मोबाइल पर बातों में उलझाकर पैसे खाते में डलवा लिये थे। यहीं नहीं कोरोना कॉल के बाद महिला डॉक्टरों को भी नागझिरी स्थित आर्मी कार्यालय में स्वास्थ्य कैंप लगाने के नाम पर हजारों का चूना लगा दिया गया था।

ऑनलाइन ठगी करने वाले फर्जी सीम का उपयोग करते हैं, जिसके चलते पुलिस उन तक नहीं पहुंच पाती है। ठगी के बाद कुछ दिन तक उक्त नम्बर चालू रहते हैं, जिसके बाद बंद कर दिये जाते है।

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