उज्जैन (हेमंत सेन)। समर्थन मूल्य पर अनाज खरीदी के मामले में उज्जैन जिला टॉप पर आ गया है। जिन किसानों ने जिले को टॉप पर पहुंचाया, उल्टे यहीं उनके फजीते हो गए है। हालात ऐसे बने है कि शासन के सर्वर पर आंकड़े उज्जैन जिले की प्रगति दिखा रहे है लेकिन इसके उलट जमीनी स्तर पर हजारों की संख्या में किसान सोसायटियों और बैंक के चक्कर लगा रहे है। ऐसे किसानों की संख्या भी सैकड़ो में है जिन्हे अपने गेंहू तुलाए लगभग डेढ़ महीना हो चुका है लेकिन अब तक उन्हें गेंहू का भुगतान ही नहीं मिल सका है, जबकि शासन की तरफ से दावा किया जा रहा है कि 48 घंटे में किसानों का भुगतान हो रहा है।
उन्हेल के पास मुंडला गांव में रहने वाले किसान चंदरसिंह आंजना ने 27 मार्च को उन्हेल सोसायटी पर समर्थन मूल्य पर गेंहू की उपज बेची। गेंहू की उपज के एवज में उन्हे 1 लाख 39 हजार 236 रूपए का भुगतान होना था। चंदर सिंह आंजना अब तक बैंक के चक्कर ही काट रहे है। ठीक यही स्थिति कुवारिया गांव के किसान संजय आंजना की है।
संजय आंजना ने भी लगभग एक महीने पहले अपनी उपज बेची थी, इसके बाद से ही वे उपज का भुगतान प्राप्त करने के लिए कभी खादय विभाग के अधिकारियों से मिले कभी जिला सहकारी बैंक के चक्कर लगाने पहुंचे। समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी के सरकारी आंकड़े बताते है कि जिले में हजारों किसानों के लगभग 114 करोड़ रूपए का भुगतान लंबे वक्त से अटका पडा है। इनमें से ऐसे किसानों की संख्या ज्यादा है जिन्होंने अपनी उपज 27 से 30 मार्च के बीच बेची थी।
अधिकारियों का कहना है कि किसी तकनीकी खराबी की वजह से इन्हें उपज का भुगतान नहीं हो सका है। खास बात यह है कि जिला स्तर पर किसी भी विभाग या किसी भी अधिकारी के पास ऐसा कोई डेटा ही नहीं है जिससे यह साफ हो सके कि जिले में कितनी संख्या में किसानों का भुगतान अटका हुआ है।
एक नजर गेंहू की खरीदी पर
- उज्जैन जिले में 25 मार्च से समर्थन मूल्य पर गेंहू की खरीदी शुरू हुई थी। 172 उपार्जन केंद्रो के जरिए लगभग 7 लाख मेट्रिक टन गेंहू खरीदने का लक्ष्य तय किया गया है।
- उज्जैन जिले में अपनी उपज बेचने के लिए 96 हजार 607 किसानों ने पंजीयन कराया था, इनमें से 78 हजार 416 किसान स्लॉट बुक करा चुके है जबकि 69 हजार 354 किसान अपनी उपज बेच चुके है।
- जिले में अब तक 6 लाख 61 हजार 479.55 मेट्रिक टन गेंहू की खरीदी हो चुकी है।
- जिले में लगभग 1027 करोड़ रूपए के ईपीओ जारी हो चुके है जबकि किसानों को 913 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। खरीदी के लिहाज से इस वक्त उज्जैन जिला मध्यप्रदेश में टॉप पर है।