मुख्यमंत्री ने दिया मांगों के निपटारे का निर्देश शाम तक नहीं पहुंचा निराकरण आदेश

त्यागपत्र बनाकर तैयार रखा है डॉक्टर्स ने, महासंघ का नई रणनीति पर विचार

उज्जैन, अग्निपथ। विगत 3 मई को प्रदेशभर के डॉक्टर्स ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आव्हान किया था। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद दूसरे ही दिन डॉक्टर्स अपने काम पर वापस लौट गये। लेकिन मामला अभी सुलझा नहीं है। प्रदेशभर के डॉक्टर्स त्यागपत्र लेकर आगे की रणनीति पर काम कर रहे हैं। गुरुवार को डॉक्टर्स का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से भी मिला।

उज्जैन के जिला चिकित्सालय में मंगलवार को डॉक्टर्स ने अपनी मांगों को लेकर के दो घंटे तक काम बंद कर हड़ताल की थी। प्रदेश भर के डॉक्टरों और उनके संगठन ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टरों ने चेताया था की मांगे नहीं मानी गई तो काम बंद कर हड़ताल करेंगे। बुधवार 3 मई से डॉक्टर महासंघ के सभी डॉक्टरों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी थी।

इसमें जिले के करीब 200 से अधिक डॉक्टर शामिल थे। जिसके कारण कई मरीज परेशांन होते रहे। डॉक्टरो की हड़ताल के विरोध में जबलपुर हाईकोर्ट में लगी एक याचिका पर कोर्ट ने सभी डॉक्टर को हड़ताल खत्म कर काम पर लौटने का आदेश दिया था। जिसके बाद उज्जैन के भी डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म कर दी है। डॉ. महेश मरमट ने बताया कि हाईकोर्ट ने हड़ताल को अवैध घोषित कर डॉक्टर्स को काम पर लौटने के आदेश दिए है सभी डॉक्टर ड्यूटी पर लौट आये है।

सिविल सर्जन कार्यालय में हुई बैठक

गुरुवार को काम पर लौटे डॉक्टर्स की बैठक सिविल सर्जन कार्यालय पर हुई। बैठक में डॉ. पीएन वर्मा, डॉ. भोजराज शर्मा, डॉ. अनिल भार्गव, डॉ. महेश मरमट, डॉ. नरेन्द्र गोमे सहित चिकित्सा महासंघ के सभी डॉक्टर्स शामिल रहे। बैठक का हालांकि एजेंडा तो नहीं बताया गया, लेकिन आगे की रणनीति पर क्या करना है। इसको लेकर डॉक्टर्स में रायशुमारी हुई है।

हड़ताल करने की वजह

गुरुवार को हड़ताल खत्म होने के बाद सभी डाक्टर काम पर लौट आये। डॉ. अनिल भार्गव ने बताया कि हड़ताल के कारण सेवा प्रभावित हुई थी, सरकार की वादा खिलाफी के कारण और अहम मुद्दे जैसे प्रशासनिक अधिकारियों की दखलंदाजी, डॉक्टरों की परेशानी, बड़े पदों पर सीनियर डाक्टरों की भर्ती, केंद्र के समान डीएसीपी (समयबद्ध पदोन्नति) के साथ अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की गई थी।

शाम तक दिया था निराकरण का समय

चिकित्सा महासंघ के डॉ. अनिल भार्गव ने बताया कि गुरुवार को प्रदेश के चिकित्सा महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से मिला था। मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधि मंडल के सामने अपने अधिकारियों से कहा कि शाम तक इनकी मांगों का निराकरण करें। शाम तक मांगों के निराकरण का आदेश पहुंच जाना चाहिये था। लेकिन नहीं पहुंचा है। शुक्रवार को और प्रदेश सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयासों को देखा जायेगा। प्रदेश के 5 हजार से अधिक डॉक्टर्स त्यागपत्र बनाकर तैयार रखे हुए हैं। इनमें से 70-80 उज्जैन जिले के भी हैं।

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