जलकार्य प्रभारी को लेकर नेता प्रतिपक्ष बोले-धरने की नौबत आई
तिवारी का दावा समस्या निराकरण के लिए पीएचई कार्यालय में पहुंचा था
उज्जैन, अग्निपथ। शहर में आम लोगों की पेयजल की किल्लत कम हो न हो। नगर निगम के पार्षदों और अफसरों के बीच रार बढ़ती जा रही है। एक तरफ जलकार्य प्रभारी शिवेंद्र तिवारी को धरने देने की नौबत आ गई। वहीं दूसरी तरफ अफसर मौन हो गए हैं। उधर प्रतिपक्ष नेता रवि राय ने तिवारी की फोटो शेयर करके निगम की पेयजल वितरण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि पर्याप्त पानी होने के बाद भी एक दिन छोडक़र पेयजल वितरण की जिद्द छोडक़र लोगों की पानी की समस्या का निराकरण करना चाहिए।
दरअसल शहर में पेयजल वितरण की समस्या की खबर आने और समस्या का निराकरण नहीं होने की जानकारी मिलने पर जलकार्य प्रभारी शिवेंद्र तिवारी पीएचई के चामुंडा चौराहे के दफ्तर पर पहुंचे थे। यहां उनके धरने देने की सूचना मीडिया तक पहुंची। मीडिया के पहुंचने पर तिवारी ने पेयजल समस्या से परेशान लोगों की समस्या को उठाते हुए अफसरों से निराकरण के लिए कहा।
इधर जब उन्हें अहसास हुआ कि अपनी ही सरकार और निगम के खिलाफ बात जा रही है तो उन्होंने धरने की बात से इनकार करते हुए कहा कि वे समस्या निराकरण के लिए आए हैं। अफसरों से समस्या निराकरण कराने की कोशिश में जुटे हुए हैं। मामले को लेकर अफसरों ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। वे धरने की खबर से सकते में थे।
इधर नेता प्रतिपक्ष रवि राय ने शिवेंद्र तिवारी का फोटो जारी करते हुए कहा कि एमआईसी की बैठक में उन्होंने ही एक दिन छोडक़र पेयजल वितरण व्यवस्था की स्वीकृति दी थी। अब खुद ही धरने पर बैठ रहे हैं। अगर समस्या निराकरण के लिए गए थे तो बेंच पर धरने की मुद्रा में क्यों बैठे। कुर्सी पर बैठकर अफसरों को निर्देश देते, क्योंकि वे जलकार्य के प्रभारी हैं।
तिवारी का यह है दावा
जलकार्य प्रभारी शिवेंद्र तिवारी का दावा है कि शहर में एक दिन छोडक़र दिए जा रहे जल प्रदाय के दौरान शनिवार को वे शहर के वार्ड क्रमांक 39, 42, 24, 25, 26, 44 में भ्रमण के लिए पीएचई के सहायक यंत्री एसके लाड के साथ पहुंचे। इस दौरान तिवारी ने वार्ड 42 के अर्जुन नगर क्षेत्र में आ रही गंदे पानी की शिकायतों को मौके पर जाकर देखा तथा उपयंत्री संतोष दायमा को समस्या के निदान के निर्देश दिए।
साथ ही तिवारी ने कार्यपालन यंत्री एन.के. भास्कर ने महापौर मुकेश टटवाल, निगमायुक्त रौशन कुमार सिंह से मुलाकात कर उन्हें समस्याओं से अवगत कराया। वार्ड क्रमांक 2, 4, 3, 6, 7 सहित कुछ अन्य वार्डों में जलप्रदाय कम दबाव से या नहीं होने की शिकायत मिलने पर पीएचई के कंट्रोल रूम पर पीएचई की सहायक आयुक्त नीता जैन, कार्यपालन यंत्री नरेंद्र भास्कर व अन्य को निर्देश दिए समय सीमा में निराकरण किया जाए। उन्होंने कहा कि वे धरने पर नहीं बैठे थे।
नेता प्रतिपक्ष का दावा
नेता प्रतिपक्ष रविराय ने प्रेस को जारी बयान में दावा किया कि शहर में इन दिनों नगर निगम उज्जैन के पीएचई अधिकारियों द्वारा कृत्रिम जल संकट पैदा किया जा रहा है। शहर के अनेका वार्डों में पानी सप्लाई नहीं हो पाता या तो टंकी नहीं भर पाती या जल प्रदाय दबाव से नहीं किया जाता है। पानी को नागरिकों लेकर विवाद की स्थिति बनी है प्रभारी जल काल समिति कार्यसमिति शिवेंद्र तिवारी आज स्वयं उनके वार्ड में सप्लाई नहीं होने पर धरने पर बैठे ।
जबकि 1 दिन छोडक़र जल प्रदाय के संबंध में उनके द्वारा स्वयं हस्ताक्षर कर इस निर्णय को कराया था पीएचई अपने पत्र में स्पष्ट किया गया है कि 15 जून 2023 तक प्रतिदिन पानी दिया जा सकता है परंतु उसके बाद भी एमआईसी द्वारा निर्णय पारित करा दिया गया कि शहर में 1 दिन छोडक़र के जल प्रदाय किया जाए जबकि गंभीर उंडासा साहिबखेड़ी गौ घाट त्रिवेणी ब्रिज पर पर्याप्त मात्रा में पानी है परंतु एक दिन छोडक़र दिए जाने से जनता को बेवजह परेशान करना समझ नहीं आता ।