राजू द्रोणावत हत्याकांड : जेल में हुई दोस्ती की खातिर हत्या

तीन दिन बाद भी आरोपियों का सुराग नहीं, बदमाशों में खौफ के लिए पुलिस का फ्लेग मार्च

उज्जैन,अग्निपथ। फ्रीगंज मेंं तीन दिन पहले हुई राजू द्रोणावत की हत्या में संभवत: चार बदमाश शामिल हैं। इनमें साजिश बाबू ने रची थी जबकि उससे जेल में हुई दोस्ती निभाने के लिए तीन ने रैकी कर वारदात की है। हालांकि पूरी जानकारी के बाद भी एक भी आरोपी अब तक गिरफ्त में नहीं आ सका। नतीजतन लगातार वारदात को देखते हुए पुलिस ने बदमाशों में खौफ पैदा करने के लिए शनिवार को फ्लेग मार्च निकाला।

घासमंडी निवासी राजू द्रोणावत की ४ मई की दोपहर मुंगी तिराहे पर बाइक सवार दो बदमाशों गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना बाबू भारद्वाज द्वारा करवाना सामने आया था। पता चला गोली जीवाजीगंज क्षेत्र स्थित मोतीनगर निवासी जितेंद्र उर्फ जीतू गुर्जर ने राजू को गोली मारी, जबकि बाइक हरिनगर का धर्मेंद्र पंवार चला रहा था। यह भी मालूम पड़ा कि घटना स्थल पर यशवंत सिसौदिया मौजूद था, उसी ने राजू की सूचना दी थी।

पुलिस को चारों आरोपियों के घटना में लिप्त होने की लगभग पुष्टि हो गई, लेकिन प्रयास के बाद भी एक भी शनिवार शाम तक हाथ नहीं आ सका। याद रहे आरोपियों को पकडऩे के लिए एसपी सचिन शर्मा ने एसआईटी गठित कर रखी है। वहीं डीआईजी अनिलसिंह कुशवाह ने २० हजार का ईनाम घोषित किया है।

जेल की दोस्ती से बने कातिल

पुलिस रिकार्डनुसार जितेंद्र गुर्जर पर पांच और धर्मेंद्र पर चार केस दर्ज है। दोनों पर कत्ल का पहला प्रकरण है। सूत्रों की माने तो दोनों की जेल में बाबू से दोस्ती हुई थी। उम्रकैद की सजा काट रहे बाबू ने अपहरण में साथी रहे राजू, लव व सुधीर द्वारा जमानत के बाद धोखा देने की बताते हुए उन्हें निपटाने का कहा था। हालांकि पैरोल पर छूटने के बाद बाबू किशन पर जानलेवा हमला कर फरार हो गया, लेकिन दोनों उसके संपर्क में बने रहे, जिसके चलते बाबू ने राजू को निपटाने की योजना बनाई और जीतू व धर्मेद्र ने उस पर अमल किया।

हॉस्पिटल जाना तय

भरे बाजार दिन-दहाड़े गोली मारकर हत्या से पुलिस महकमे में हडक़ंप मचा हुआ है। पुलिस घटना को चुनौती मानते हुए आरोपियों को पूरी ताकत से खोज रही है। उनसे संबंधित करीब 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा चुकी है। बावजूद जल्द नहींं मिलने पर आरोपियों पर ईनाम राशि बढऩा भी तय है। सूत्रों की माने तो अफसर शहर में गुंडों को सबक सिखाने के लिए हत्याकांड के आरोपियों को सही सलामत जेल नहीं भेजने के मूड में दिखाई नहीं दे रहे हंै।

हरिफाटक से फ्लेग मार्च

शहर में 15 दिन मे आधा दर्जन जगह चाकूबाजी, तोडफ़ोड़ व दो हत्याओं से पुलिस की छवि धूमिल होती नजर आ रही है। वहीं गुंडों के हौसले बुलंद होते दिख रहे हैं। इससे नाराज होकर आईजी संतोषसिंह ने शुक्रवार को मातहतों की बैठक लेकर नाराजगी जाहिर की थी। नतीजतन आम लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा कायम करने और बदमाशों में खौफ पैदा करने के लिए शनिवार को शहर के सभी थाना क्षेत्रों में लेग मार्च निकाला गया। हरिफाटक ब्रिज से शुरू हुए फ्लेग मार्च में आईजी, डीआईजी, एसपी व सभी अधिकारी शामिल हु़ए।

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