भागने के दौरान हुआ घायल, बोला- घूमने के बहाने ले गया था जीतू
उज्जैन, अग्निपथ। फ्रीगंज मेंं चार दिन पहले हुए राजू द्रोणावत हत्याकांड का एक आरोपी रविवार को इंजीनियरिंग कॉलेज रोड से पकड़ा गया। घेराबंदी के दौरान भागने के चक्कर में वह घायल हो गया। आरोपी ही वारदात के लिए जितेंद्र गुर्जर को बाइक पर बैठाकर लाया था। उस पर १० हजार रुपए का ईनाम भी घोषित था। मामले में पुलिस को अब दो आरोपियों की तलाश है।
घासमंडी निवासी राजू द्रोणावत की ४ मई को मुंगी तिराहे पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस सनसनीखेज कांड में जीवाजीगंज क्षेत्र स्थित मोतीनगर के जितेंद्र उर्फ जीतू गुर्जर, गुमानदेव हनुमान क्षेत्र के धर्मेेद्र पिता कन्हैया लाल सिसौदिया और पैरोल से फरार अभिषेक उर्फ बाबू भारद्वाज का नाम सामने आया था। मामले में धर्मेद्र व जीतू पर डीआईजी अनिलसिंह कुशवाह ने २० हजार रुपए ईनाम घोषित किया था। इधर रविवार दोपहर धर्मेद्र के इंजीनियरिंग कॉलेज रोड से गुजर रहा था। सूचना पर टीआई मनीष लौधा ने टीम के साथ घेराबंदी की तो धर्मेद्र्र बचकर भागने लगा और गिरकर घायल हो गया। पुलिस ने उसका जिला अस्पताल में ईलाज करवाया है। यहां धर्मेद्र ने बताया कि जीतू ने उसे कहा था कि चल घूम कर आते हंै। वह उसे बाइक पर बैठाकर ले जा रहा था तभी जीतू ने राजू को गोली मार दी थी।
पुराने साथियों से खुला राज
सर्वविदित है राजू को मुंगी तिराहे पर खड़ा रहने के दौरान बाइक पर दो युवक आए थे। इनमें से पीछे सवार ने उसे गोली मारी थी। वारदात के बाद हमलावर फरार हो गए थे। घटना में घायल राजू ने बाबू भारद्वाज द्वारा हमला करवाना बताया था, जिसका लोगों ने वीडियो बनाया था। क्षेत्र के सीसीटीवी फुटेज में भी हमलावरों कैद हो गए थे, लेकिन पहचान नहीं होने पर पुलिस ने राजू व बाबू के करीब ५० परिचितों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। पता चला गोली जीतू गुर्जर ने मारी और धर्मेद्र बाइक चला रहा था। नाम सामने आने पर दोनों को तलाश रहे थे।
पुलिस के लिए बाबू चुनौती
सूत्रों के अनुसार मुख्य आरोपी जीतू व धर्मेद्र जीवाजीगंज क्षेत्र के है। इसलिए उनका देर-सवेर पकडऩा तय था। चिंता राजू की हत्या की साजिश रखने वाले बाबू भारद्वाज की है, क्योंकि वह मोबाईल का उपयोग नहीं करता। उसका परिवार यूपी मेें रहता है। संभवत: बाबू के उनसे भी संबंध नहीं है। वह उम्रकैद की सजा से पैरोल मिलने के बाद से फरार है। इस दौरान जानलेवा हमले के केस में भी उसकी तलाशा था, लेकिन वह हाथ नहीं आया।
ऐसे बदली दोस्ती दुश्मनी में
याद रहे मृतक राजू व बाबू पहले गहरे दोस्त थे। दोनों ने अपने छह साथियों के साथ मिलकर २०१२ में फिरौती के लिए अपहरण किया था। अपहरण कांड में राजू व बाबू, सुधीर यादव सहित चार को उम्रकैद व मुकेश मालवीय को सात साल की सजा हो गई थी, लेकिन राजू सहित तीन ने जमानत मिलने पर बाबू को छुड़ाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए। नतीजतन उसकी राजू, सुधीर आदि से दुश्मनी हो गई। बाबू ने जेल में ही राजू को मारना तय कर वहीं दोस्त बने धर्मेद्र व जीतू को तैयार किया और मौका मिलते ही राजू की हत्या करवा दी।
धर्मेंद्र पर पूर्व में मामूली धाराओं के तीन केस दर्ज है। पकडऩे के दौरान भागते हुए गिरने से वह घायल हो गया। उसे सोमवार को कोर्ट से रिमांड पर लेकर हत्याकांड में शामिल लोगों के नाम पता करेंगे।
– मनीष लौधा, टीआई माधवनगर