अधिकारी करते रहे बचाने का प्रयास, एक साल बाद केस दर्ज
उज्जैन,अग्निपथ। लोग सुरक्षा के लिए वाहन का इंश्योरेंस कराते है, लेकिन बीमा नकली हो तो..नेशनल बीमा कंपनी का एक ऐसा मामला सामने आया है। एजेंट ने अधिकारियों की मिली भगत से ट्राले का फर्जी बीमा कर 54 हजार रुपए हड़प लिए। राज खुलने पर अधिकारी ने डीडी वापस भेजकर मामला दबाने का प्रयास किया। करीब एक साल पहले हुई घटना सामने आने पर बुधवार को माधवनगर पुलिस ने केस दर्ज कर दिया।
महिदपुर के जमालपुर तोड़ी निवासी मोहम्मद जमील पिता मोहम्मद जकी ने 13 सितंबर 2019 को ट्राले आरजे 17 जीए 4779 का बीमा एजेंट जुबेर खान से बीमा करवाया। खान व नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के डेवलपमेंट अधिकारी सरबजीतसिंह के कहने पर जमील ने 54813 रुपए एनईएफटी कर दी। दोनों ने कंट्रोल रूम के सामने स्थित बीमा कार्यालय से जारी होना बताकर जमील को फर्जी पॉलिसी दे दी। पांच माह बाद जमील ट्राले पर पुन: फायनेंस करवाने गया तो पॉलिसी का राज खुला। उसने 25 फरवरी 20 को कंपनी में शिकायत कर दी। नतीजतन जुबेर खान को निकाल दिया गया। बाद में सिंह व खान ने 29 अक्टॅूबर 20 को 54860 रुपए का डीडी बनाया, जिसे कंपनी अधिकारी ने पत्र के साथ जमील को भेजकर संतुष्टि पत्र मांगा। धोखाधड़ी के बावजूद दोषियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं होने से जमील ने टीआई दिनेश प्रजापति को शिकायत की। उन्होंने घटना की गंभीरता देख केस दर्ज कर एसआई महेंद्र मकाश्रे को जांच सौंप दी।
पांच माह में हादसा हो जाता तो …
जमील ने कहा एजेंट धमकी दे रहा है शिकायत करने पर वह उनका नाम लिखकर आत्महत्या कर लेगा। बीमा अधिकारी यह नहीं सोच रहे कि फर्जी इंश्योरेंस के भरोसे वह पांच माह ट्राला चलवाता रहा। ऐसे में हादसा हो जाता तो कौन जिम्मेदार होता। खान की माने तो इस गैंग ने कई वाहनों के ऐसे फर्जी बीमे किए हैं। नेशनल इंश्योरेंस से बीमा करवाने वालो वाहन मालिकों को अपनी पॉलिसी की जांच करवाना चाहिए।
अब भी दोषियों को बचाने का प्रयास
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कंपनी ने एजेंट खान की एजेंसी खत्म कर दी, लेकिन सरबजीत का नाम सामने आने पर भी कार्रवाई नहीं की। अब भी जांच का दबा रहे है। गंभीर मामला होने पर भी रिपोर्ट नहीं की। जिससे अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं। कंपनी के वकील नाईक ने कहा एजेंट की एजेंसी टर्मिनेट कर जाहिर सूचना निकाली थी। मामले में सरबजीत का इनवाल्मेंट नहीं है।
जिम्मेदारों के जवाब ..
फर्जी पॉलिसी कंपनी की ओर से जारी नहीं हुई है। डीडी और पत्र पूर्व अधिकारी ने भेजा था। – महेंद्र जाधव, मंडल प्रबंधक
मुझ पर आरोप झूठा है। मामला एजेंट और ऑफिस का है। कार्रवाई अधिकारियों के हाथ में है मैं सिर्फ विकास अधिकारी हूं।-सरबजीतसिंह, विकास अधिकारी नेशनल इंश्योरेंस कंपनी