नया खुलासा: सात लोगों ने रची थी साजिश, तीन और धराए
उज्जैन,अग्निपथ। फ्रीगंज में पांच दिन पहले हुए राजू द्रोणावत हत्याकांड में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। हत्या की साजिश वारदात से करीब एक माह पहले सात लोगों ने रची थी। मामले में तीन और धरा गए। पुलिस ने सोमवार को दो मुख्य आरोपी का ढोल बाजे के साथ मुनादी करवाकर मकान भी तोड़ दिया और गिरफ्तार आरोपी को चार दिन के रिमांड पर ले लिया।
घासमंडी निवासी राजू द्रोणावत की ४ मई को मुंगी तिराहे पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। दिनदहाड़े हुए इस सनसनीेखेज हत्याकांड में माधवनगर पुलिस ने रविवार को गुमानदेव हनुमान क्षेत्र के धर्मेेद्र पिता कन्हैया लाल सिसोदिया को पकड़ा। घायल हालत में धराए धर्मेद्र ने कबूला कि बाबू भारद्वाज ने राजू को मारने की योजना २अप्रैल को बनाई गई थी। साजिश में उसके साथ मोतीनगर का जीतेंद्र उर्फ जीतू गुर्जर, प्रकाश नगर का विजय बधाले,श्रीराम नगर का राजू कांटे, ढांचा भवन का राकेश चतुर्वेदी, महाशक्ति नगर का दीपेश पांडे भी शामिल थे। जानकारी के बाद टीआई मनीष लौधा ने तीन साजिशकर्ताओं को दबोचा और धर्मेद्र को कोर्ट में पेश कर ११ मई तक रिमांड पर ले लिया।
मुनादी करवाकर ध्वस्त किए मकान
बदमाशों के मकान तोडऩे की मुहिम करीब दो साल से चल रही है। लेकिन ं सोमवार को पहली बार पुलिस ने आरोपियों की गली व घर के सामने ढोल बाजे बजवाकर बदमाशों के हश्र की मुनादी करवाई। तत्श्चात दो घंटे में जितेंद्र गुर्जर व धर्मेद्र के मकानों को ध्वस्त करवा दिया। कार्रवाई के दौरान एएसपी डॉ. इं्रद्रजीत बाकलवाल,आकाश भूरिया,चार सीएसपी व १० टीआई के साथ भारी फोर्स भी मौजूद था। नतीजतन दोनों के परिवार विरोध तक नहीं कर सके।
ऐसे रची थी साजिश
हत्याकांड में नया एंगल भी सामने आया है। बताया जाता है कि बाबू को पता चला कि प्रापर्टी का धंधा करने वाला राजू कांटे भी द्रोणावत से खुन्नस रखता है। डंपर संचालक राकेश चतुर्वेदी व बिल्डिंग मटेरियल बेचने वाला दीपेश पांडे की भी द्रोणावत से लेन-देन को लेकर रंजिश है। इस पर वह विजय के द्वारा कांटे से मिला। चतुर्वेदी व पांडे को भी साथ मिलाया और दो अप्रैल को सातों ने मिलकर द्रोणावत की हत्या करना तय किया। इसी के चलते बाबू ने धर्मेद्र व जीतू को १०-१० हजार रुपए दिए। चतुर्वेदी व पांडे ने बाइक, मोबाइल का इंतजाम कर दिया और कांटे द्रोणावत की रैकी करने लगा।
बाल-बाल बचा जितेंद्र
पुलिस के अनुसार धर्मेद्र को गिरफ्त में लेने के दौरान जितेंद्र भी उसके साथ था। सूचना पर दोनों की घेराबंदी की गई थी,लेकिन जितेंद्र भाग गया और धमेंद्र गड्डा कूदने के दौरान गिरने से घायल होने के कारण धरा गया। याद रहे हत्याकांड के खुलासे और आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए एसपी सचिन शर्मा ने एसआईटी गठित की हुई है। वहीं डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह ने दोनों आरोपियों पर २० हजार का ईनाम घोषित किया था।
बदमाशों का खौफ खत्म करने के लिए उनके क्षेत्र में ढोल बाजे बजवाकर मुनादी करवाते हुए मकनों पर कार्रवाई करवाई गई है। मामले में फरार आरोपियों को भी जल्द पकडऩे का प्रयास कर रहे है।
– सचिन शर्मा, एसपी