उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व उप कप्तान अजय जडेजा सोमवार को उज्जैन आये। यहां वे भगवान श्री महाकाल की भस्मारती में शामिल हुए और बाद में गर्भगृह में जाकर पूजन-अर्चन किया। हालांकि इस पूरे मामले में एक मौका ऐसा भी आया जब गलतफहमी के कारण उन्हें जिल्लत भी झेलना पड़ी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के तरह-तरह शुल्क निर्धारित होने के कारण सोमवार को देश के प्रतिष्ठित क्रिकेट खिलाड़ी अजय जडेजा को अभद्रता झेलनी पड़ी। जिल्लत से बचने के लिए श्री जडेजा कर्मचारियों को 22 सौ रुपए देकर चल दिये। इस पूरे घटनाक्रम से श्री जडेजा का मूड भी खराब हो गया।
हुआ यूं कि भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व उपकप्तान अजय जडेजा सोमवार को उज्जैन आये थे। यहां वे महाकालेश्वर मंदिर की भस्मारती में शामिल हुए और बाद में उन्होंने बाबा महाकाल का पूजन-दर्शन किया। वे जिला प्रशासन के प्रोटोकाल से आये थे और उनका शुल्क पूर्व में ही जमा हो चुका था। उसके बाद ही उन्होंने मंदिर में प्रवेश किया था।
दूसरे का दर्शन शुल्क लेने के लिए रोक लिया
श्री जडेजा के साथ उनका प्रोटोकाल कराने वाले सज्जन भी थे। उन सज्जन के साथ तीन अन्य वीआईपी भी दर्शन करने गये थे जिनका श्री जडेजा से कोई संबंध नहीं था। इन तीनों का प्रोटोकाल जारी होने के बाद उन्हेें प्रोटोकाल कार्यालय में रुपए जमा कराने के लिए भेज दिया था। मौके पर मौजूद सूत्रों के मुताबिक इसी बीच श्री जडेजा दर्शन के बाद जाने लगे तो उन्हें मंदिर से जुडे कर्मचारियों ने अन्य तीन वीआईपी की प्रोटोकाल राशि की मांग करते हुए रोक लिया।
मंदिर के लोगों को समझाने का प्रयास भी किया गया कि जिनके रुपए बाकी हैं वे प्रोटोकाल कार्यालय में रुपए जमा कराने गये हैं, इसके बाद भी कर्मचारी नहीं माने और उनकी कार रोक ली। बाद में नाराज जडेजा ने 2200 रुपए उन कर्मचारी को दिये, तब उन्हें वहां से जाने दिया। इस पूरे मामले की चर्चा दिनभर कलेक्टर कार्यालय के गलियारों में चलती रही।
न सम्मान-न प्रसाद, उलटा अपमान मिला
हम आपको बता दें मंदिर समिति द्वारा दर्शन के लिए आने वाले वीवीआईपी को सम्मानित करने और प्रसाद देने की परंपरा है। लेकिन समिति द्वारा श्री जडेजा का न सम्मान किया गया और न ही प्रसाद दिया। अधिकारी-कर्मचारी सिर्फ फोटो सेशन कराने मेें लगे रहे।