इसमें शामिल शासकीय कर्मचारियों को भी बख्शा नहीं जाएगा- अपर कलेक्टर
उज्जैन, अग्निपथ। गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले नागरिकों को शासकीय योजना के तहत निशुल्क खाद्यान्न आदि सुविधा उपलब्ध कराने हेतु बीपीएल कार्ड वास्तविक लोगों के बजाय फर्जी रूप से कार्ड बनाए जाने का मामला सुर्खियों में आने पर जांच के बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम द्वारा दोषियों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
अपर कलेक्टर मृणाल मीणा द्वारा फर्जी बीपीएल कार्ड बनाए जाने के मामले को गंभीरता से लेकर उसके जांच के आदेश जारी किए थे। इस पर से तत्कालीन एसडीएम एकता जायसवाल द्वारा जांच करने के दौरान पाया की कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर 18 बीपीएल कार्ड बनाए गए हैं। फर्जी कार्ड बनाए जाने में तहसील जनपद कार्यालय कार्यरत कर्मचारियों की भी भूमिका एवं लापरवाही जांच के दौरान सामने आई है।
अपर कलेक्टर द्वारा जांच प्रतिवेदन के आधार पर निर्देशित किया कि तहसील एवं जनपद कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों की बीपीएल आदेश प्राप्त करने में लापरवाही की भूमिका का परीक्षण कर संबंधितो के विरुद्ध विभागीय जांच करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें। इसके साथ ही गरीबी रेखा के जारी 18 आदेशों के अतिरिक्त राजस्व न्यायालय से जारी अन्य देशों का सत्यापन भी राजस्व न्यायालय एवं जनपद पंचायत तराना से करवाया जाना सुनिश्चित करें ताकि पात्र बीपीएल कार्ड धारी को ही शासन की योजनाओं का लाभ मिल सके।