अशासकीय स्कूलों के नवीनीकरण रोके नहीं जाएंगे- डीपीसी जायसवाल
उज्जैन, अग्निपथ। अशासकीय स्कूलों की पिछले 2 वर्षों से लंबित नि:शुल्क शिक्षा की राशि के प्रस्ताव स्वीकृत कर दिए गए हैं राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा पूर्व में प्राप्त प्रस्तावों कि किसी भी प्रकार की कोई जांच आदि नहीं की जाएगी।
डीपीसी एकता जायसवाल द्वारा अशासकीय स्कूलों की वर्ष 2020-21 एवं 2021-22 की लंबित निशुल्क शिक्षा राशि एवं तुगलकी आदेश को लेकर अशासकीय स्कूलों आ रही समस्याओं से अवगत कराया। इस पर आपने स्पष्ट शब्दों में कहा कि नि:शुल्क शिक्षा की राशि के प्रस्ताव किसी भी स्थिति में नहीं रोके जाएंगे विभाग द्वारा 95 लाख के प्रस्ताव आगामी कार्रवाई हेतु जिला पंचायत को भेज दिए गए हैं यह राशि स्कूलों को शीघ्र ही मिल जाएगी। अशासकीय स्कूलों की निशुल्क शिक्षा की राशि वह भी शीघ्र दिलाए जाने की कार्रवाई कर शीघ्र ही प्रस्ताव भेज दिए जाएंगे।
तुगलकी आदेश निरस्त
यहां यह उल्लेखनीय है कि गत दिनों बीआरसी द्वारा डीपीसी कार्यालय के आदेशानुसार एक आदेश जारी किया था जिसमें वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 के पूर्व में जमा प्रस्ताव के साथ सभी विद्यार्थियों के मोबाइल नंबर एवं उपस्थिति पंजी की कॉपी विद्यालय द्वारा प्रमाणित जमा कराने के आदेश दिए थे।
आपने कहा कि सभी नि:शुल्क अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों के मोबाइल के द्वारा ही आधार वेरीफिकेशन किया जाता है एवं स्कूल प्राचार्य द्वारा उसकी उपस्थिति प्रमाणित करके ही प्रस्ताव बनाए जाते हैं इसके बाद अन्य प्रमाणीकरण की कोई आवश्यकता नहीं है इस आदेश को निरस्त कर दिया गया है।
स्कूलों की मान्यता का नवीनीकरण किया जाएगा
डीपीसी श्रीमती जायसवाल ने इस समस्या के संबंध में कहां की पूर्व से संचालित अशासकीय स्कूलों की मान्यता नवीकरण नहीं रोका जाना चाहिए यदि इन स्कूलों मैं किसी भी प्रकार की किरायानामा रजिस्टर्ड आदि की कोई कमी है तो उसकी पूर्ति कराया जाना चाहिए यदि इन स्कूलों को पूर्व में नियम विरुद्ध मान्यता दी गई तो मान्यता देने वाले तत्कालीन शिक्षा विभाग के तत्कालीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाना चाहिए।