सख्ती की आड़ में मीडिया पर अंकुश लगाने की तैयारी तो नहीं..?
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में इन दिनों सख्ती की आड़ में मनमानी चल रही है और मीडिया पर अंकुश लगाने का प्रयास किया जा रहा है। एक मीडियाकर्मी मोहन मेवाड़े ने चार नंबर गेट से अपने दो गेस्ट को गर्भगृह दर्शन के लिए प्रवेश दिलाया था। सूत्रों के मुताबिक उसके पास दर्शन की रसीद भी थी, जो कि ऑनलाइन होने के कारण उसने चार नंबर गेट पर अपने मोबाइल से सुरक्षाकर्मियों को दिखाई थी। सुरक्षाकर्मियों ने इस आधार पर दर्शनार्थियों को प्रवेश दे दिया था।
बाद में वरिष्ठ अधिकारियों को जब इसकी जानकारी मिली कि ऑनलाइन रसीद के जरिए प्रवेश दिया गया है तो उस वक्त ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मी को शुक्रवार को वहां से हटा दिया। साथ ही मौखिक रूप से सुरक्षाकर्मियों को हिदायत दी गई है कि उक्त मीडियाकर्मी मंदिर में पत्रकार के रूप में प्रवेश नहीं करेगा। मेवाड़े ने बताया कि शुक्रवार को उन्हें कवरेज के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया। उनसे कहा गया कि वे सिर्फ आम दर्शनार्थी के रूप में जा सकेंगे। सूत्रों का कहना है कि यह कदम इस कारण उठाया गया है ताकि आगे से कोई भी सुरक्षाकर्मी किसी मीडियाकर्मी को कोई रियायत नहीं देगा।
पुजारियों के बीच भी भय का माहौल बनाने का प्रयास
पिछले दिनों महाकाल पसिर में स्थित अन्य मंदिर के पुजारियों के भय का माहौल बनाने के लिए भी प्रयास किये जा रहे हैं। एक-एक मंदिर पर जाकर तमाम तरह की हिदायतें दी। जैसे कोई दर्शनार्थियों को धागा नहीं बांधेगा, तिलक नहीं लगायेगा आदि कई हिदायतें दी गई। मंदिर परिसर में स्थित गणेश मंदिर की दीवार पर बने स्वस्तिक भी साफ करवा दिये गये। ये उल्टा स्वस्तिक दर्शनार्थी अपनी मनोकामना के साथ बनाते हैं। मनोकामना पूरी होने के बाद पुन: महाकाल मंदिर आकर इन्हें सीधा कर देते हैं। मंदिर में अन्य कहीं दीवार नहीं होने के कारण लोग गणेश मंदिर की दीवार पर बना जाते हैं।
समरथ को नहीं दोष गुंसाई: इन रसूखदारों पर अब तक कार्रवाई नहीं
यहां उल्लेखित मामले उन लोगों के हैं जो राजनीतिक रसूख रखते हैं और उन्होंने खुलेआम महाकाल मंदिर समिति के नियमों को मखौल उड़ाया है। यह तो सिर्फ चंद उदाहरण है, जबकि हर रोज कोई न कोई अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मंत्री ऐसा कुछ करते हैं, जिससे न सिर्फ मंदिर की गरिमा प्रभावित होती है, बल्कि भगवान महाकाल की एक झलक की आस में दूर खड़े आम दर्शनार्थियों का मन भी दु:खी होता है। अगर कोई समर्थ नियम तोड़े तो जांच शुरू हो जाती है तो बरसों तक पूरी नहीं होती, और अगर एक छोटा व्यक्ति मामूली गलती भी कर दे तो दण्ड का अधिकारी।
- 25 जुलाई 2020- कोरोना काल में प्रतिबंध के बाद भी इंदौर के भाजपा नेता गोलू शुक्ला ने वर्ष में एक बार होने वाले भगवान नागचंद्रेश्वर की प्रतिमा के पास पहुंचकर न सिर्फ पूजन-दर्शन किए थे बल्कि इसके फोटो भी वायरल किये।
- 13 अगस्त 2021- कोरोना काल में नागपंचमी के दिन महाकाल मंदिर में भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय व रमेश मेंदोला ने बाबा महाकाल के गर्भगृह में पहुंचकर पूजन-अर्चन किया था। इस दौरान भस्मआरती करने वाले पुजारियों को 4 नंबर गेट पर ही रोक दिया गया था। इसका विरोध हुआ और उस दिन भस्मआरती की शुरुआत आधे घंटे की देरी हुई।
- 18 अगस्त 2021- सावन के सोमवार को इंदौर के भाजपा नेता गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने कोविड-19 के प्रतिबंध के बावजूद भी बाबा महाकाल के गर्भगृह के गेट पर पहुंचकर फोटो खिंचवाई थी और इसे सोशल मीडिया पर वायरल भी किया था।
- 12 मार्च 2023 – रंगपंचमी पर गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष शुक्ला ने भस्मआरती के दौरान महाकाल मंदिर के गर्भगृह से 26 सेकंड का वीडियो वायरल किया था। इसमें रुद्राक्ष शुक्ला मंदिर के पंडित और पुजारीगणों के साथ गर्भगृह में दिखाई दे रहा था।