राजीव गांधी की पुण्यतिथि
उज्जैन, अग्निपथ। पूर्व प्रधानमंत्री की पुण्यतिथि के लिए कांग्रेस ने दो कार्यक्रमों का आयोजन किया था। एक कार्यक्रम के आयोजन में ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष के भाई ही नहीं पहुंचे। वहीं दूसरे कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष कमल पटेल गायब हो गए। गिनती के नेताओं की उपस्थिति में कार्यक्रम मना।
शहर अध्यक्ष रवि भदौरिया लगातार कांग्रेस नेताओं को एकजुट करने में लगे हुए हैं। इसी के चलते ब्लॉक कांग्रेस के कार्यक्रम को अधिकृत करते हुए उन्होंने जीवाजीगंज ब्लॉक कांग्रेस के आयोजन की सूचना सभी कांग्रेसजनों को दी थी। इसकी सूचना पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता समेत सभी पहुंच गए थे। परन्तु उसी ब्लॉक में रहने वाले अशोक भाटी नहीं पहुंचे। इसकी चर्चा पूरे कार्यक्रम के दौरान होती रही।
बताया जाता है कि अशोक भाटी और मुकेश भाटी के बीच में वर्चस्व को लेकर विवाद हो गया है। इसी के चलते मुकेश भाटी के कार्यक्रम में अशोक भाटी नहीं पहुंचे। इसकी चर्चा कार्यक्रम के दौरान होती रही। कार्यक्रम में शहर अध्यक्ष रवि भदौरिया, जीवाजीगंज ब्लॉक अध्यक्ष मुकेश भाटी, जिलाध्यक्ष कमल पटेल, मनोहर बैरागी, पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी, अनंतनारायण मीणा, प्रतिपक्ष नेता रवि राय, अजीत सिंह ठाकुर, अरूण गोस्वामी, सपना सांखला, गीता यादव, मोती भाटी, नाना तिलकर, अभिषेक लाला, पुरुषोत्तम कहार, दीपेश जैन, अशोक माली, सत्यनारायण पंवार, महेश सोनी, पूर्व पार्षद कैलाश बिसेन, अरूण रोचवानी, सुनील जैन समेत आदि नेता मौजूद थे।
ये मौजूद थे कांग्रेस कार्यालय में
शहर कांग्रेस कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में रवि भदौरिया, अनंत नारायण मीणा, अशोक माली, पुरुषोत्तम कहार, गीता यादव, बटुकशंकर जोशी, सपना सांखला, नाना तिलकर, वीरेंद्र गौसर, रवि राय अभिषेक लाला सोनिया ठाकुर, अजय राठौर आदि मौजूद थे।
फोटो भेजकर अशोक भाटी का दावा देर से कार्यक्रम में पहुंचा
राजीव गांधी की पुण्यतिथि कार्यक्रम में नहीं पहुंचने के संबंध में कांग्रेस नेता अशोक भाटी का कहना है कि उन्होंने नारी सम्मान के फार्म वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया था। उनका आरोप है कि क्षेत्रीय पार्षद नारी सम्मान के फार्म लेने से लोगों को रोक रहे थे और उन्हें भडक़ा रहे थे। इसकी सूचना मिलने पर वे मौके पर चले गए थे। इसलिए ब्लॉक के कार्यक्रम में देरी से पहुंचे। इसका सबूत उन्होंने फोटो भेजकर दिया है। उनका कहना है कि उनके और भाई मुकेश भाटी के बीच कोई वर्चस्व का मामला नहीं है। कुछ लोग फितरत करके अफवाह फैला रहे हैं।