सिविल सर्जन ने कहा – चिकित्सकों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल के आईसीसीयू में चार से पांच दिन पहले भाजपा के एक कार्यकर्ता ने एमएलसी के एक मरीज को भर्ती करवा दिया था। लिहाजा ह्रदय रोग के मरीजों को बेड उपलब्ध नहीं हो पाये थे। इसी को लेकर सिविल सर्जन ने चिकित्सकों पर ऐसे मरीजों को भर्ती नहीं करने को लेकर चेतावनी देते हुए अनुशासनात्मक कार्रवाई करने को कहा है।
विगत चार से पांच दिन पहले भाजपा के एक कार्यकर्ता ने अपने परिचित एमएलसी के मरीज को अच्छा इलाज देने के चक्कर में दबाव बनाते हुए भर्ती करवा दिया। लेकिन इस दौरान ह्रदय रोग से पीडि़त आये मरीजों को बेड खाली नहीं मिल पाया। जिन्होंने इसकी शिकायत सिविल सर्जन को कर दी। सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा ने इस पर संज्ञान लेते हुए चिकित्सकों के लिये एक आदेश निकाल दिया।
जिसमें कहा गया कि चिकित्सकों द्वारा बिना उचित कारण एमएलसी प्री एमएलसी के मरीज को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से आईसीसीयू यूनिट में भर्ती किया जाता है। जिससे ह्रदय रोग के मरीजों को ऐसी यूनिट में बेड उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। उपलब्ध ना होने के कारण गंभीर ह्रदय रोगियों को समय पर उचित उपचार नहीं मिल पाता एवं आईसीसीयू सुविधा के अभाव में कभी-कभी ऐसे मरीज की स्थिति गंभीर हो जाती है जिससे मरीज के जीवन को बचा पाना संभव नहीं हो पाता है। समस्त चिकित्सकों को निर्देशित किया जाता है कि ऐसे मरीजों को सीधे आईसीसीयू यूनिट में भर्ती ना करें।
पहले परीक्षण, फिर करेंगे भर्ती
मरीजों को पहले मेडिसिन अथवा अन्य विभाग से संबंधित वार्ड में भर्ती कर विशेषज्ञ चिकित्सक को कॉल करना होगा। विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा संबंधित परीक्षण पश्चात निर्णय लिया जाएगा कि संबंधित मरीज को आईसीयू में भर्ती करने की आवश्यकता है अथवा नहीं। यदि चिकित्सकों द्वारा एमएलसी के मरीजों को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से ऐसे सी यूनिट में भर्ती किया जाता है तो उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।