महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में पिछले एक सप्ताह से आम दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंध
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में पिछले एक सप्ताह से आम दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित कर रखा है। दर्शन व्यवस्था के लिए बेरिकेडिंग ऐसे की गई है कि दर्शनार्थी श्री महाकालेश्वर के दर्शन कर सीधा बाहर निकलेगा। परिसर के अन्य मंदिरों के दर्शन वह नहीं कर सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक इन दिनों महाकाल मंदिर में टनल निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। इस कारण परिसर में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया गया है। लेकिन यह तर्क किसी के गले नहीं उतरता। क्योंकि टनल का निर्माण जिस दिशा में चल रहा है, वो मंदिर परिसर के विपरीत है। ऐसे में दर्शनार्थी अगर मंदिर परिसर के अन्य मंदिरों में दर्शन करते जाते भी हैं तो उससे टनल निर्माण का कार्य बिल्कुल प्रभावित नहीं होगा।
प्राचीन मंदिर स्थापित हैं परिसर में
हम आपको बता दें कि श्री महाकालेश्वर मंदिर के परिसर में अति प्राचीन मंदिर स्थापित हैं। जिसमें औंकारेश्वर, साक्षी गोपाल, नवग्रह मंदिर, वृहस्पति देव मंदिर, स्वप्नेश्वर महादेव, सिद्धि विनायक, श्री नृसिंह-लक्ष्मी मंदिर, जूना महाकाल, सती माता, प्राचीन सिद्धवीर हनुमान मंदिर, बाबा बाल हनुमान मंदिर, अनादि कल्पेश्वर सहित 84 महादेव मेें शामिल प्राचीन मंदिर भी श्री महाकालेश्वर परिसर में स्थापित हैं। दूरदराज से आने वाले दर्शनार्थी भगवान श्री महाकाल के दर्शन के साथ ही इन मंदिरों में भी दर्शन-पूजन की कामना से आते हैं, लेकिन उन्हें निराश लौटना पड़ता है।
दर्शन की साक्षी देते हैं गोपाल जी
मान्यता है कि भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन तभी मान्य होते होते हैं जब मंदिर परिसर में विराजित साक्षी गोपाल के दर्शन नहीं किये जाये। भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ विराजित गोपाल जी श्री महाकाल के दर्शन के साक्षी बनते हैं। इसी कारण इन्हें नाम भी साक्षी गोपाल दिया गया है। उसी तरह स्वप्रेश्वर महादेव, वृहस्पति मंदिर, जूना महाकाल, सिद्धि विनायक सहित अन्य मंदिरों का भी धार्मिक महत्व है। इन मंदिरों तक पहुंचने से दर्शनार्थियों को रोकना उचित नहीं है।