महाकाल लोक में मूर्ति टूटने के मामले में कांग्रेस एक्टिव : भ्रष्टाचार की पोल स्वयं महाकाल ने खोली

धातु की ठोस मूर्ति की जगह फाईबर की खोखली मूर्तियां लगाई गई, जो ध्वस्त हो गई- विधायक महेश परमार

उज्जैन, अग्निपथ। विश्व विख्यात बाबा महाकालेश्वर मंदिर उज्जैन की पहचान है। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने महाकाल मंदिर के विकास और दर्शनार्थी की सुविधा के लिए 300 करोड़ रुपये की योजना स्वीकृत कर कार्यान्वित करने का कार्य प्रारम्भ कर दिया था। शिवराज सरकार ने हमारी योजना को आगे बढ़ाकर श्रेय लेते हुए, प्रथम फेस को जल्दी से जल्दी पूरा कर प्रधानमंत्री मोदी से उद्घाटन कराकर अपनी पीठ थपथपाने के चक्कर में भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया और कई काम ऐसे करवा दिये हैं, जो गुणवत्ताहीन है, जिससे कमीशनखोरी और हर किसी को चांदी काटने का मौका मिल गया। उसकी पोल रविवार को आई आंधी के माध्यम से भगवान महाकाल ने खोल दी।

यह आरोप कांग्रेसी विधायक महेश परमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में लगाए। उन्होंने कहा कि इस पूरे प्रकरण के लिए तत्कालीन कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त, सीईओ यूडीए, स्मार्ट सिटी सीओ जिम्मेदार हैं इनके खिलाफ उचित कार्यवाही की जाना चाहिए।

कमीशन की होड़ में गुणवत्ता का भी ध्यान नहीं रखा

विधायक परमार ने दावा किया कि महाकाल लोक कॉरिडोर जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था, उसमें सैकड़ों मूर्तियां स्थापित हैं, जिसमें कई मूर्तियां जो एफआरपी मैटेरियल यानी फाइबर युक्त है, जबकि धातु व पाषाण की मूर्ति लगनी थी जो शास्त्र सम्मत विधान भी हैं, कमीशन एवं श्रेय लेने की होड़ में भाजपा शासन ने जिला प्रशासन के द्वारा महाकाल लोक के समस्त निर्माण गुणवत्ता विहीन करवाए गए हैं, मूर्तियां स्थापित करते समय प्रशासन, सरकार द्वारा बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे कि यह मूर्तियां सभी प्रकार के मौसम की मार आंधी तूफान से सुरक्षित रहेंगी। लेकिन इन के दावों के उलट पहली आंधी बारिश में महाकाल लोक के भ्रष्टाचार युक्त निर्माण की पोल खुल गई, कई जाने जाते-जाते बची।

विधानसभा में उठा चुके हैं मुद्दा

उन्होंने कहा कि समय-समय पर इसके विरुद्ध विधानसभा में भी आवाज उठाई थी कि, गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। यहां तक कि महाकाल लोक सरफेस पार्किंग ठेके में हुए भ्रष्टाचार की लोकायुक्त में जांच भी लंबित है जिसमें कई आईएएस अफसर भी शामिल हैं और लगभग सभी के खिलाफ जांच चल रही है। कांग्रेस पार्टी इन के विरुद्ध प्रकरण दर्ज करने की मांग करती है। इस दौरान शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया, कमल पटेल, रवि राय, माया राजेश त्रिवेदी, अशोक भाटी, अजीत सिंह ठाकुर, अरुण वर्मा, विक्की यादव, अनंतनारायण मीणा, विवेक गुप्ता, वीनू कुशवाह, अरूण रोचवानी, विवेक सोनी, कैलाश सोनी आदि मौजूद थे।

मामले की लीपापोती कर रहे हैं कलेक्टर

विधायक परमार ने कहा कि गत दिवस आंधी तूफान में सप्तऋषियों की मूर्ति खंडित होना बहुत ही दुर्भाग्य जनक है। दर्शनार्थियों का विश्वास और आस्था खंडित हुई है। उज्जैन कलेक्टर पुरुषोत्तम इस पर लीपापोती कर रहे हैं कि डिफेक्टिव लायबिलिटी पीरियड में इसे ठीक करवाया जाएगा। हमारा सवाल है कि निर्माण करते समय पूर्ण सुरक्षा का ध्यान क्यों नहीं रखा गया धातुओं एवं पाषाण की मूर्ति की जगह एफआरपी फाइबर युक्त मूर्तियां क्यों लगाई गई।

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