रथ और घोड़ों पर निकले महामंडलेश्वर, साधु-संतों ने निकाली पेशवाई
उज्जैन, अग्निपथ। गंगा दशहरा महोत्सव पर उज्जैन में कुम्भ जैसा नजारा देखने को मिला। घोड़े और रथ पर सवार होकर नागा साधु निकले। बैंड बाजे के साथ महामंडलेश्वर और अनुयायी नजर आए। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा घाट नीलगंगा पर मंगलवार को देशभर से आए संत, महंतों का शाही स्नान हुआ। इससे पहले संत शाही पेशवाई में निकले और नीलगंगा पहुंचे। शाम को नीलगंगा सरोवर स्थित मां नीलगंगा का पंचामृत अभिषेक कर महा आरती का आयोजन किया गया।
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक महंत हरिगिरी महाराज ने बताया कि जूना अखाड़ा द्वारा 2017 से लगातार नील गंगा घाट पर गंगा दशहरा पूजन पर्व मनाया जा रहा है। इस वर्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा के सचिव श्रीमहंत रविंद्र पुरी महाराज, वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी जी महाराज के सानिध्य में सिहंस्थ पड़ाव स्थल नीलगंगा से पेशवाई प्रारंभ हुई जिसमे बेंड बाजे के साथ बड़ी संख्या में साधु संत शामिल हुए।
जो नीलगंगा चौराहा होते हुए जूना अखाड़ा घाट पहुंची। यहां जूना अखाड़ा नीलगंगा के देवता का स्नान विधि विधान से हुआ उसके बाद साधु संतो ने नीलगंगा सरोवर में स्नान किया। शाम को मां नीलगंगा की महा आरती के साथ ही संतों ओर भक्तजनों का विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा।
गंगा दशहरा पर्व पर आयोजित अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के संयोजन में आयोजित पेशवाई में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्री महंत रवींद्र पुरी महाराज जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी कपिल पुरी महाराज महामंडलेश्वर स्वामी महेंद्र आनंद गिरि महाराज महामंडलेश्वर श्रद्धा नंदगिरी माताजी, महामंडलेश्वर चेतन, आनंद गिरी माताजी, महामंडलेश्वर शैलेश आनंद गिरी, महामंडलेश्वर विवेकानंद पुरी, महामंडलेश्वर सुमन आनंद गिरी, महामंडलेश्वर मंदाकिनी, पुरी माता जी सहित जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर के साथ अखाड़े के सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरी जी महाराज, पृथ्वी गिरि जी महाराज ,केदार पुरी जी महाराज, सचिव श्री महंत मोहन भारती महाराज ,शैलेंद्र गिरी महाराज, महेश पुरी महाराज दूज पुरी महाराज बजरंग गिरी महाराज महाकाल गिरी महाराज ,वशिष्ठ गिरी महाराज, सहदेव आनंद गिरी महाराज ,दर्शन गिरी महाराज सभापति श्रीमहंत उमा शंकर भारती महाराज सहित जूना अखाड़ा के अन्य महामंडलेश्वर और संतगढ़ उज्जैन पधारे हैं। श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा, श्री पंच दशनाम आवाहन अखाड़ा, श्री पंचायती अग्नि अखाड़ा, आनंद अखाड़ा नया उदासीन अखाड़ा, निर्मल अखाड़ा सहित अन्य अखाड़ों के संत महंत भी शाही स्नान में शामिल हुए।
नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के लिए संत-रहवासी आमने-सामने
मंगलवार को साधु संत नीलगंगा क्षेत्र में गंगा दशहरा मना रहे थे, उसी दौरान नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर के स्वामित्व को लेकर रहवासियों व संतों के बीच विवाद की स्थिति बन गई। दरअसल, मंगलवार को ही जूना अखाड़ा ने प्राचीन नीलकंठेश्वर महादेव को अपने स्वामित्व की जमीन पर स्थापित होने का दावा कर वहां के पुराने बोर्ड को हटाकर अपने आधिपत्य का बोर्ड वहां लगाया था। इस कारण रहवासी आक्रोशित हो गए। रहवासी नीलकंठेश्वर महादेव को अति प्राचीन और सार्वजनिक बताकर अपने हिस्से की बताते रहे। मौके पर अखाड़ा परिषद के महामंत्री हरि गिरि महाराज सामने आ गये। सूचना मिलते ही भारी पुलिस बल व प्रशासन के अधिकारी दलबल सहित मौके पर पहुंच गए। रहवासियों ने जूना अखाड़ा के जिम्मेदारों पर आरोप लगाया कि यह लोग हमारा मंदिर और जमीन हड़प रहे हैं। दूसरी ओर से जूना अखाड़ा से जुड़े पीआरओ गोविंद सोलंकी का कहना है कि जो दस्तावेज बोलेंगे वह सही है, हमारे पास कागज है और जांच में सब स्पष्ट हो जाएगा।