16 घंटे तक बिना रुके श्री महाकाल के चरणों में नृत्य आराधना

80 कलाकारों ने रात 10.30 बजे तक नृत्यांजलि में प्रस्तुति दी

उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल मंदिर में मंगलवार को गंगा दशहरा पर्व पर रसराज प्रभात नृत्य संस्था ने सतत 16 घंटे तक बिना रुके नृत्य आराधना शुरू की। 5 वर्ष से लेकर 55 वर्ष तक की महिलाओं ने इस नृत्यांजलि में भाग लिया। भगवान महाकाल के दरबार में प्रतिवर्ष होने वाली नृत्य की आराधना का यह 34वां वर्ष है।

सुबह 6 बजे से शुरू हुई नृत्य की आराधना रात 10.30 बजे तक चलेगी। महाकाल मंदिर में भस्म आरती के बाद से सुबह करीब 6 बजे से 16 घंटे की अविरल नृत्यांजलि शुरू हुई । देश में खुशहाली के लिए नृत्य के माध्यम से बच्चों ने भगवान महाकाल से प्रार्थना की। कई छोटे बच्चे और कलाकार भगवान महाकाल के आंगन में शिव तांडव और पंचाक्षर करते हुए भगवान की स्तुति कर रहे हैं। देश की सुख, समृद्धि के लिए प्रार्थना भी की जा रही है।

रसराज प्रभात नृत्य संस्थान की निर्देशक साधना मालवीय ने बताया कि कार्यक्रम की तैयारी एक माह पहले से की गई। इसमें 80 से अधिक कलाकार प्रस्तुति दे रहे हैं। इनमें 5 साल की बालिकाओं से लेकर पुरुष व महिला कलाकार भी शामिल हैं। संगत कलाकार हर्ष यादव, तबला पर मानस शर्मा, हारमोनियम पर गायन सृष्टि सा हैं। बड़वाह से संजय महाजन भी अपने ग्रुप के साथ प्रस्तुति देंगे।

नृत्यांगना मृणालिनी चौहान सहित अन्य कलाकार शिव वंदना की प्रस्तुति दे रहे हैं। कलाकारों द्वारा शिव तांडव, शिव पंचाक्षर और महाकाल आरती सहित अन्य कई नृत्य वंदना की जा रही है द्य रात को समापन अवसर पर कार्यक्रम में बतौर अतिथि प्रसिद्ध नृत्यचार्य राजकुमुद जी ठोलिया, समाजसेवी डॉक्टर सतविंदर कौर सलूजा, सहायक प्रशासक महाकालेश्वर मंदिर लोकेश चौहान समेत अन्य अतिथि बच्चों को अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे।

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