कांग्रेस की सरकार बनी तो मास्टर प्लान को रिव्यू किया जायेगा और संविधान के दायरे में आया तो इसे निरस्त किया जायेगा
उज्जैन, अग्निपथ। शहर के असली मालिकों की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सरकार को 500 करोड़ का नुकसान और बिल्डरों को 1500 करोड़ का लाभ मास्टर प्लान को लागू करके पहुंचाया गया है। अगर सरकार ने इसे निरस्त नहीं किया तो साधु संतों की अगुवाई में कांग्रेस जन आंदोलन चलाएगी। उक्त बात पूर्व मंत्री सज्जन वर्मा ने उज्जैन में पत्रकारवार्ता के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार की पराकाष्ठा को उज्जैन के मंत्री और अफसरों ने पार कर लिया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मास्टर प्लान के खिलाफ 463 लोगों ने आपत्तियां लगाई थी। इसमें 259 लोगों की आपत्तियों को दर किनार करके समिति ने भू माफिया को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को लागू कर दिया। जबकि भोपाल और इंदौर के मास्टर प्लान को लागू नहीं किया गया है। क्योंकि भोपाल राशि नहीं पहुंची थी। उज्जैन से राशि पहुंच गई।
जिस जमीन को आवसीय घोषित किया गया है, उसमें उज्जैन के एक मंत्री के परिजनों और रिश्तेदारों की जमीन शामिल है। इसमें सिंहस्थ क्षेत्र की जमीन को भी आवासीय घोषित किया गया है। इससे सिंहस्थ में आने वाले साधू,संतों और श्रद्धालुओं के लिए स्थान कम पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार बनी तो मास्टर प्लान को रिव्यू किया जायेगा और संविधान के दायरे में आया तो सबसे पहले इसी विभाग की पहली फाइल होगी, इसे निरस्त किया जायेगा।
शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया ने कहा कि मास्टर प्लान निरस्त नहीं होता है तब तक शहर कांग्रेस शहर में आंदोलन चलाएगी। इस दौरान देवव्रत यादव, नूरी खान, अर्पित दुबे, अशोक भाटी, कुलदीप इंदौरा, शोभा ओझा, रवि भदौरिया, विक्की यादव, रवि राय, अरुण वर्मा, विवेक सोनी आदि मौजूद थे।
सावंराखेड़ी, दाउदखेड़ी को मास्टर प्लान में आवसीय किया
मंत्री वर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि जहां सिंहस्थ में सैटेलाइट टाउन बनाया जाता है उस स्थान को सिंहस्थ क्षेत्र से हटाकर आवासीय कर दिया गया है। इसमें दाउदखेड़ी, सांवराखेड़ी, जीवनखेड़ी की जमीन शामिल है। 2016 में इस इलाके की जमीन को सिंहस्थ के लिए अधिगृहित किया गया था और जमीन मालिकों को मुआवजा भी दिया गया था।
बिल्डर को लाभ पहुंचाया मंत्री ने
वर्मा ने आरोप लगाया कि उज्जैन के एक बिल्डर को उज्जैन के मंत्री ने लाभ पहुंचाने के लिए उसकी जमीन को आवासीय घोषित कराया गया है। इसमें भारी भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि डेंडिया, शक्करवासा, नीमनवासा, जीवनखेड़ी, लालपुर की जमीन को बिना आवेदन के ही कृषि से आवासीय घोषित करके सरकार को 500 करोड़ का नुकसान कराया गया है।
सिंहस्थ की 74 हैक्टेयर कम कर दी
कांग्रेस प्रतिपक्ष नेता रवि राय ने कहा कि आने वाले समय में सिंहस्थ के लिए 3500 हैक्टेयर के स्थान पर 7 से 8000 हैक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी। परन्तु नए मास्टर प्लान में जमीन को 74 हैक्टेयर कम कर दिया गया। उन्होंने कहा कि 5- 10 करोड़ श्रद्धालुओं के 2028 के सिंहस्थ में आने का अनुमान हैं। पिछली बार 3500 हैक्टेयर में सिंहस्थ लगा था। मास्टर प्लान के जरिए उज्जैन के मंत्री के रिश्तेदारों को लाभ पहुंचाया गया है।