धोती पहनकर गर्भगृह में पूजा की, नेपाल में बने रुद्राक्ष की माला भेंट की
उज्जैन/इंदौर, अग्निपथ। नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल प्रचंड शुक्रवार दोपहर 12.45 बजे उज्जैन पहुंचे। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पूजन के दौरान प्रचंड ने 100 रुद्राक्षों की माला भेंट की। रुद्राक्ष की यह माला नेपाल में बनी है। 51 हजार रुपए कैश भी चढ़ाया। वे अपने तय समय से करीब एक घंटे की देरी से उज्जैन पहुंचे थे। इससे पहले उन्होंने महाकाल लोक देखा। ई-कार्ट से मंदिर पहुंचे। महानिर्वाणी अखाड़े में धोती-सोला पहनकर गर्भगृह में प्रवेश किया। गर्भगृह में प्रचंड के साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने भी पूजा-अर्चना की।
प्रचंड सुबह 11 बजे विशेष विमान से इंदौर पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व जनप्रतिनिधियों ने उनकी अगवानी की। प्रचंड ने सीएम शिवराज से कहा कि आपसे मिलकर लग ही नहीं रहा है हम पहली बार मिल रहे हैं। स्वागत से बहुत अभिभूत हूं। उन्होंने इंदौर के स्पेशल पोहे खाए। प्रचंड अपनी बेटी गंगा दहल के साथ आए हैं।
सीएम शिवराज ने कहा कि भारत और नेपाल अत्यंत प्राचीन राष्ट्र हैं। भारत और नेपाल भले ही दो शरीर हों, लेकिन सांस्कृतिक रूप से वे एक हैं। दोनों का सांस्कृतिक वैभव और संस्कार एक जैसे हैं। आपके आगमन से भारत और नेपाल के संबंध आने वाले दिनों में और भी प्रगाढ़ होंगे। इसके बाद इंदौर से नेपाल के पीएम और अन्य अतिथि उज्जैन रवाना हो गए।
प्रचंड के साथ नेपाल के विदेश मंत्री नारायण प्रकाश सोद, वित्त मंत्री डॉ. प्रकाश शरन महत, ऊर्जा जल संसाधन मंत्री शक्ति बहादुर बासनेत, भौतिक व परिवहन मंत्री प्रकाश ज्वाला, वाणिज्य एवं आपूर्ति मंत्री रमेश रिजल, प्रधानमंत्री के सलाहकार हरिबोल प्रसाद, मुख्य सचिव शंकरदास बैरागी और नेपाल के विदेश सचिव भरतराज पौड्याल भी आए हैं।
इंदौर में गणगौर और भगोरिया नृत्य से स्वागत
प्रचंड जैसे ही अन्य अतिथियों के साथ बाहर आए तो वहां निमाड़ के गणगौर और भगोरिया नृत्य की आकर्षक व उल्लासपूर्ण प्रस्तुति के साथ अतिथियों का स्वागत किया गया। यह देख वे काफी अभिभूत हुए। इसी कड़ी में इंदौर के युवाओं के स्वर ध्वज पथक के 50 सदस्यीय दल ने ढोल-तासों और केसरिया ध्वज के साथ उद्घोष करते हुए उनका स्वागत किया।
दर्शन व्यवस्था में बदलाव से श्रद्धालु परेशान
महाकाल मंदिर में शुक्रवार को नेपाल के प्रधानमंत्री के आगमन को देखते हुए दर्शन व्यवस्था में बदलाव किया गया था। मंदिर समिति द्वारा इसकी जानकारी भी सार्वजनिक की गई लेकिन सूचना के अभाव में कई श्रद्धालु बदलाव के कारण परेशान हुए। मंदिर में सुबह से गर्भगृह और शीघ्र दर्शन व्यवस्था भी बंद रखी थी। महाकाल लोक में दोपहर 1:30 बजे तक आम लोगों का प्रवेश बंद रखा गया। महाकाल मंदिर में सामान्य दर्शन व्यवस्था चालू रखी गई थी लेकिन प्रवेश व्यवस्था में बदलाव के कारण बाहर से आने वाले श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश को लेकर परेशान हुए। बदली दर्शन व्यवस्था के अनुसार शुक्रवार सामान्य दर्शन व्यवस्था चालू रखी गई थी। परंतु प्रवेश और निर्गम व्यवस्था को बदला गया था। सामान्य दर्शन के लिए दर्शनार्थी को हरसिद्धि चौराहे से बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होकर 4 नंबर गेट से प्रवेश करा विश्राम धाम व सभा मंडप में होते हुए गणपति मंडपम् में बेरिकेट से दर्शन हेतु पहुंचाया गया। दर्शन उपरांत इसी रास्ते से वापस होकर दर्शनार्थियों को 5 नंबर गेट से बाहर निकाला जा रहा है। सुबह से दोपहर तक गर्भगृह दर्शन, शीघ्र दर्शन को बंद किया गया था।