सीमेंट की एक भी प्रतिमा नहीं बनवाई, पत्थर की नाममात्र की लगी, करीब ढाई घंटे तेज धूप में काम करती रही टीम
उज्जैन, (हरिओम राय) अग्निपथ। श्री महाकाल लोक में प्रतिमाओं की जांच करने आई लोकायुक्त की टीम के सामने कई गड़बड़ी सामने आई हैं। सूत्रों के मुताबिक महाकाल लोक में पत्थर और सीमेंट की मूर्तियां लगाने के टेंडर हुए थे, और इनके कम रेट को देखते हुए टेंडर फाइनल हुआ था। लेकिन जानबूझकर सीमेंट-पत्थर की प्रतिमाओं की जगह फाइबर की मूर्तियां अधिक लगवाई गई। जबकि टेंडर मेें निविदाकर्ता ने फाइबर की मूर्तियों के रेट अन्य टेंडरकर्ता के मुकाबले महंगे डाले थे। जांच में और भी कई गड़बड़ी सामने आई है।
श्री महाकाल लोक में प्रतिमाओं के खंडित मामले में शनिवार को लोकायुक्त के जांच दल ने महाकाल लोक में एक-एक प्रतिमा का अवलोकन किया और उनकी मजबूती जांची। करीब ढाई घंटे मूर्तियां की जांच का सिलसिला चला। स्मार्ट सिटी के अधिकारी भी साथ थे।
उज्जैन में आंधी-तूफान की वजह से 28 मई को श्री महाकाल लोक की सप्त ऋषि की 6 प्रतिमाएं हवा में उडक़र धराशायी हो गई थीं। शनिवार को भोपाल से लोकायुक्त के प्रमुख अभियंता एनएस जौहरी के नेतृत्व में पांच सदस्यीय टीम भोपाल से आई महाकाल लोक की करीब दर्जनभर से अधिक मूर्तियों का बारीकी से निरीक्षण किया। त्रिपुरासुर, पिनाकी सहित करीब आधा दर्जन से अधिक मूर्तियों की टीम ने बारीकी से जांच की।
पेडस्टल पर चढक़र जांची मजबूती
दोपहर करीब 12.15 बजे महाकाल मंदिर पहुंची टीम ने भगवान श्री महाकालेश्वर के दर्शन के बाद करीब 12.३० बजे से अपना काम शुरू किया। तेज धूप मेें करीब ढाई घंटे तक चले जांच अभियान में महाकाल लोक की दर्जनभर प्रतिमाओं की जांच की। सबसे पहले उन्होंने सप्त ऋषि की मूर्तियों के गिरने के बाद खाली पड़े पेडस्टल का बारीकी से देखा। पेडस्टल पर चढक़र मूर्तियों के आधार स्तंभ की मजबूती जांची। यहां टीम ने टेप से प्रतिमाओं की नपती भी करवाई। करीब ढाई घंटे तक चली इस जांच प्रक्रिया में महाकाल लोक की प्रत्येक प्रतिमा की जानकारी ली गई। फोटो वीडियो भी बनाए गए।
सीमेंट की एक भी मूर्ति नहीं संख्या में भी गड़बड़ी
सूत्रों के मुताबिक महाकाल लोक में पत्थर की 60 और सीमेंट की 30 मूर्तियों का टेंडर निकाला गया था। जिसमें कंपनी ने पत्थर और सीमेंट की मूर्तियों के रेट काफी कम दिये गये थे। इस आधार पर कंपनी का टेंडर फाइनल हुआ। लेकिन हैरत की बात यह है कि पत्थर की सिर्फ आठ-दस मूर्तियां ही बनवाई, सीमेंट की तो एक मूर्ति भी नहीं बनवाई और शेष मूर्तियां फाइबर की बनवा दी गई। जबकि फाइबर की मूर्तियों के रेट निविदाकर्ता ने अन्य के मुकाबले अधिक डाले थे। जानबूझकर महंगी मूर्तियों का आर्डर देकर ठेकेदार को लाभ पहुंचाया गया। एक गड़बड़ी यह भी सामने आई है कि जितनी मूर्तियों का भुगतान किया गया है, महाकाल लोक में उससे कम मूर्तियां लगाई गई हैं।
लोकायुक्त के पहले नगरीय विकास के प्रमुख सचिव भी पहुंचे मूर्तियां चैक करने
शनिवार को लोकायुक्त टीम की जांच के पहले नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई के साथ अधिकारियों के दल ने आकर श्री महाकाल लोक में लगी मूर्तियों का निरीक्षण किया। श्री महाकाल लोक के मेंटेनेंस को लेकर भी दल के सदस्यों ने नगर निगम आयुक्त रोशन कुमार सिंह व स्मार्ट सिटी के आशीष पाठक के साथ चर्चा की है।
मीडिया से चर्चा में श्री मंडलोई ने कहा कि 28 मई को आंधी के कारण श्री महाकाल लोक में लगी मूर्तियों को नुकसान हुआ है। श्री महाकाल लोक का सामान्य संधारण, संचालन, मेंटेनेंस और सुरक्षा व्यवस्था पर बेहतर करने की तैयारी की जा रही है। श्री महाकाल लोक के सुचारू संचालन और सुरक्षा के लिए नगर निगम, स्मार्ट सिटी, मंदिर प्रबंध समिति और जिला प्रशासन सभी शामिल है। इन सभी संस्थाओं का शासन के साथ एमओयू भी हुआ है। इसी के तहत मूर्तियों और जगह का रखरखाव सही हो, सुरक्षा भी बेहतर रहे, इसके लिए हमें ठोस नीति बनाना है। इस दिशा में हम प्रयास कर रहे हैं।
आप ने लगाया आरोप – महाकाल लोक निर्माण मे 70 फीसदी राशि का घोटाला
शनिवार को आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने भी महाकाल लोक का दौरा किया और निर्माण कार्य व मूर्तियों की गुणवत्ता को परखने के बाद यहां पर करीब 70 प्रतिशत राशि के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
प्रदेश संयुक्त सचिव अक्षय पाटीदार और जिलाअध्यक्ष अभिषेक शर्मा की अगुवाई में पहुंचे सदस्यों ने कहा कि महाकाल लोक के निर्माण में बड़ा घोटाला हुआ है और हैरत की बात है कि दशकों पुराने मंदिर में तेज हवा का कोई असर नहीं हुआ जबकि 7 महीने पहले बने महाकाल लोक का निर्माण क्षतिग्रस्त होने लगा। जांच टीम के सदस्यों ने कहा कि महाकाल लोक के निर्माण की 70 फीसदी राशि का घोटाला हुआ है निर्माण केवल 30 फीसदी राशि का ही उपयोग हुआ है।
आप के संयुक्त सचिव अक्षय पाटीदार ने मांग उठाई है कि महाकाल लोक निर्माण में घोटाले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में कराई जाए। घोटाले में केवल भाजपा सरकार ही नहीं बल्कि कमलनाथ सरकार भी दोषी है। एक बार फिर साबित हुआ है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों पार्टियां आपस में मिली हुई हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सरकार की जांच पर भरोसा नहीं रह गया है इसलिए सरकार हाईकोर्ट के जज की निगरानी में पूरी जांच कराए और मामले में जो भी दोषी हो उस पर कठोर कार्रवाई की जाए।
निरीक्षण में लोकसभा संयुक्त सचिव नरेश गंगे , लोकसभा प्रभारी अल्पसंख्यक मोर्चा हाजी मुस्ताक, उपाध्यक्ष महेश तिवारी जिला ग्रामीण संयुक्त सचिव दिलीप परिहार, सोशल मीडिया को-ऑर्डिनेटर सोनू सोलंकी भी साथ थे।
तेज हवाएं चली तो शनिवार को दर्शनार्थियों को मूर्ति से दूर किया
सूत्रों के मुताबिक महाकाल लोक में शनिवार रात को एक बार फिर दर्शनार्थियों को मूर्तियों से दूर किया गया। अचानक मौसम बदलने के कारण शनिवार रात को तेज हवाएं चलने लगी थी। इस कारण वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों को निर्देश मिले कि जो दर्शनार्थी महाकाल लोक में घूम रहे हैं, उन्हें तुरंत मूर्तियों से दूर किया जाये। सुरक्षाकर्मी तुरंत आदेश का पालन करते हुए लोगों को मूर्तियों से दूर रहने और महाकाल लोक से बाहर जाने का निवेदन करते न जर आये।