महाकालेश्वर मंदिर आने वाले वीवीआईपी के प्रोटोकाल के लिये उज्जैन में नहीं हैं स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स
उज्जैन, अग्निपथ। विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकाल के दर्शन को आने वाले वीवीआईपी के प्रोटोकाल के लिये उज्जैन में स्पेशलिस्ट डॉक्टर्स ही नहीं हैं। जब भी कोई वीवीआईपी आता है तो बाहर के जिलों से विशेषज्ञ डॉक्टर्स को ड्यूटी पर लगाना पड़ता है। शासन प्रशासन को उज्जैन में विशेषज्ञ डॉक्टर्स की नियुक्ति करना होगी ताकि बाहर से विशेषज्ञ डॉक्टर्स नहीं बुलाना पड़े। नेपाल के प्रधानमंत्री के आगमन के दौरान यही सब हुआ। बाहर से विशेषज्ञ डॉक्टर्स बुलाने के लिये सिविल सर्जन को क्षेत्रीय संयुक्त संचालक से गुहार लगाना पड़ी।
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड भगवान महाकाल के दर्शन को पहुंचे थे। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटरनल अफेयर्स दिल्ली से आये पत्र का पालन करते हुए स्वास्थ्य विभाग को भी उनकी ड्यूटी में अपने विशेषज्ञ डॉक्टर्स को लगाया जाना था। सिविल सर्जन उज्जैन डॉ. पीएन वर्मा को चिकित्सा विशेषज्ञ 4, अस्थिरोग विशेषज्ञ 4, निश्चेतना विशेषज्ञ 3 और सर्जिकल विशेषज्ञ 4 की ड्यूटी लगाने के निर्देश प्राप्त हुए थे। लेकिन उज्जैन में इतनी बड़ी संख्या में उक्त विशेषज्ञ डॉक्टर्स की उपलब्धता नहीं होने के कारण सिविल सर्जन डॉ. वर्मा ने क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन से असमर्थता जाहिर करते हुए बाहर के जिलों से इन डॉक्टर्स को बुलाने के लिये पत्र लिख दिया।
देवास, शाजापुर, रतलाम से बुलाये विशेषज्ञ
क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य सेवाएं उज्जैन ने सिविल सर्जन के पत्र पर संज्ञान लेते हुए नेपाल के प्रधानमंत्री के आगमन को दृष्टिगत रखते हुए 1 जून से कार्य समाप्ति तक प्रोटोकॉल अनुसार ड्यूटी लगाई। जिसमें मेडिकल विशेषज्ञ डॉ. अतुल पवनीकर देवास, डॉ. आलोक सक्सेना, डॉ. जीवन चौहान डॉ. अंकित जैन देवास, शाजापुर और रतलाम, अस्थिरोग विशेषज्ञ डॉ. जगदीश नागर, डॉ. संजय खण्डेलवाल, डॉ. कृपालसिंह राठौर शाजापुर, डॉ. अभिनव जैन देवास, शाजपुर और रतलाम, निश्वेतना विशेषज्ञ डॉ. तारीख शेख, डॉ. नवेद शेख, डॉ. सुनिता मुणत देवास, शाजपुर और रतलाम, सर्जिकल विशेषज्ञ डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता, डॉ. आनंद परमार, डॉ. अजय शिवहरे, डॉ. मुकेश डाबर रतलाम, देवास और शाजापुर को ड्यूटी के लिये बुलाया गया।
वीवीआईपी के लिये पदस्थापना आवश्यक
विश्व प्रसिद्ध भगवान महाकाल और महाकाल लोक के दर्शन और अवलोकन के लिये देश सहित विदेश से वीवीआईपी का आगमन निरंतर हो रहा है। लेकिन अभी तक उज्जैन में शासन प्रशासन ने ऐसे विशेषज्ञ डॉक्टर्स उपलब्ध नहीं कराये हैं, जिनसे सेवाएं ली जा सकें। हर बार बाहर के जिलों से चिकित्सा विशेषज्ञों को बुलाना पड़ता है। महाकाल लोक बनने के बाद तो वीवीआईपी का आगमन और तेज हो गया है। लिहाजा कम से कम उज्जैन में तो शासन प्रशासन को चिकित्सा विशेषज्ञों की पदस्थी करना चाहिये।